वॉशिंगटन। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) की होल्डिंग कंपनी का नाम बदल गया है. अब इसे ‘मेटा’ (Meta) के नाम से जाना जाएगा. पिछले कुछ वक्त से लगातार ऐसी खबरें थीं कि फेसबुक (Facebook) री-ब्रांडिंग (re-branding) करने वाला है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने गुरुवार को कंपनी के सलाना कार्यकम्र में इसकी घोषणा की. मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने गुरुवार को फेसबुक के वार्षिक सम्मेलन में इसकी घोषणा की, जहां उन्होंने मेटावर्स(metaverse) के लिए अपने विजन के बारे में भी बताया. मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कहा हमारे ऊपर एक डिजिटल दुनिया बनी है, जिसमें वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट और एआई शामिल है. हम मानते हैं कि मेटावर्स मोबाइल इंटरनेट(metaverse mobile internet) की जगह ले लेगा.
नई होल्डिंग कंपनी मेटा फेसबुक, इसकी सबसे बड़ी सहायक कंपनी, साथ ही इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और वर्चुअल रियलिटी ब्रांड ओकुलस जैसे ऐप को शामिल करेगी. फेसबुक ने मेटावर्स प्रोजेक्ट में 2021 में 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. हाल ही में जारी की गई अर्निंग रिपोर्ट में, कंपनी ने घोषणा की थी कि उसका वर्चुअल रियलिटी सेगमेंट इतना बड़ा हो गया है कि अब वह अपने उत्पादों को दो श्रेणियों में विभाजित कर सकता है.
नाम बदलने के साथ ही कंपनी में रोजगार के भी अवसर बढ़ने वाले हैं. कंपनी ने घोषणा की थी कि मेटावर्स के लिए उसे हजारों लोगों की जरूरत है. फिलहाल कंपनी 10 हजार लोगों को रोजगार देने की तैयारी में है.
उन श्रेणियों में फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर और व्हाट्सएप सहित “फैमिली ऑफ एप्स” और एआर और वीआर के साथ-साथ किसी भी संबंधित हार्डवेयर सहित “रियलिटी लैब” उत्पाद शामिल हैं.
2004 में जुकरबर्ग ने कही थी ये बात
2004 में फेसबुक बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि फेसबुक का भविष्य मेटावर्स कॉन्सेप्ट में है. मेटावर्स मतलब एक वर्चुअल-रियलिटी स्पेस, जिसमें यूजर कंप्यूटर से जेनरेट किए गए वातावरण में एक दूसरे से कनेक्ट कर पाएं. कंपनी का ऑकुलस वर्चुअल रियलिटी हेडसेट्स और सर्विसेज उसी सोच को साकार करने का माध्यम है. जुकरबर्ग ने जुलाई में एक बार कहा था कि वह चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में लोग उन्हें सोशल मीडिया कंपनी की बजाय एक मेटावर्स कंपनी की तरह देखें.
यूजर्स पर क्या होगा असर
फेसबुक के इस ऐलान से ओरिजिनल ऐप और सर्विस ज्यों की त्यों ही चलती रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. ये कंपनी की री-ब्रांडिंग है और कंपनी के बाकी प्रॉडक्ट्स जैसे कि वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम को कंपनी के नए बैनर तले लाये जाने की योजना है. अभी तक कहा वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम को फेसबुक के प्रॉड्क्ट्स कहा जाता है, लेकिन फेसबुक खुद एक प्रॉडक्ट है.