देश मध्‍यप्रदेश

देश में इन हिरणों का शिकार कर अपनी भूख मिटाएंगे चीते, कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए 181 चीतल

राजगढ़। नाबीमिया (nabimiya) से भारत लाए जा रहे चीतों की भूख मिटाने के लिए श्योपुर जिला स्थित कूनो नेशनल पार्क में 181 चीतल छोड़े गए हैं. ये चीतल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभयारण्य (Chidikho Sanctuary) से यहां लाए गए हैं. अब 17 सितम्बर को नामीबिया के चीते भी कूनो नेशनल पार्क(Kuno National Park) में लाए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के द्वारा इन चीतों को यहां बाड़े में छोड़ा जाएगा. फिलहाल चीतों के रहन-सहन की तैयारियों का जायजा लेकर उन्हें पूरा किया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक इन 8 चीतों में साढ़े पांच साल के दो नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की एक मादा, 4 साल की एक मादा, दो साल की एक मादा और 5 साल की दो मादा चीता भी शामिल हैं. यह तमाम चीते नामीबिया के अलग-अलग इलाकों से लाए जा रहे हैं.



जानकारी के मुताबिक नरसिंहगढ़(Narsinghgarh) के पास चिड़ीखो अभयारण्य में चीतल एवं हिरणों की तादाद बहुत अधिक है. इस कारण यहां से 181 चीतल कूनो लाए गए हैं. वहीं चीतल (chital) को चीते का पसंदीदा शिकार बताया जाता है. नामीबिया के चीते अब इन्हीं चीतलों का शिकार करते हुए हृष्ट-पुष्ट रहकर अपनी तादाद बढ़ा सकेंगे. कूनो के बाद अगला पड़ाव गांधीसागर के पास तैयार किया जा रहा है. यहां पर भी तैयारी की जा चुकी है. इसमें नरसिंहगढ़ से 500 चीतल भेजे गए थे. अभी 245 चीतल तीन चरणों में भेजे जा चुके हैं. इसके अलावा देवास जिले में भी 9 चीतल भेजे जा चुके हैं.

विशेषज्ञों ने दी चीतल को लेकर सलाह
बता दें कि भारत में करीब 74 साल पहले गायब हो चुके चीता की प्रजाति को सरंक्षित करने के लिए चीता प्रोजेक्ट बनाया गया है. जिसके तहत दक्षिण अफ्रिका(South Africa) के नामीबिया से भारत में चीते लाए जा रहे हैं. गत 16 जून को कूनो में तैयारियों का जायजा लेने आए दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञों (डॉ. लॉरी मार्कर, विसेंट ऐडेंजर्ड, डॉ. एड्रियन और सायमंड एंडबियोंड) ने यहां चीतल की और संख्या बढ़ाए जाने का सुझाव दिया था.

विशेष विमान से भारत लाए जाएंगे चीते
चीतों को लाने के लिए नामीबिया के हुशिया कोटाको इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारत का विशेष विमान पहुंच चुका है. यह एक बोईंग 747 विमान है, जिसे चीतों को लाने के लिए मॉडिफाई किया गया है. विमान की नाक पर चीते की पेंटिंग बनाई गई है. 17 सितंबर को यह विमान चीतों को लेकर पहले जयपुर आएगा. वहां से चीतों को हेलिकॉप्टर से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन्हें खुले जंगल में छोड़ेंगे.

बोईंग 747 जंबोजेट में पिंजरे को रखने की व्यवस्था की गई है. पिंजरे विमान के विशेष हिस्से में होंगे. साथ ही इस विमान पर सवार डॉक्टर और एक्सपर्ट इनकी देखभाल करते रहेंगे. यह अल्ट्रा long-range का विशेष जेट विमान है. जो लगातार 16 घंटे यात्रा कर सकता है. यह नामीबिया से हिंदुस्तान बिना रुके या बिना दोबारा तेल भरे अपनी यात्रा पूरी करेगा.

Share:

Next Post

भविष्य में सुनवाई के आसार न हो तो 10 वर्ष जेल में काट चुके दोषियों को मिले जमानतः SC

Fri Sep 16 , 2022
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को राय दी कि वैसे दोषी (Convicted ) जो 10 वर्ष जेल (spent 10 years in jail) में बिता चुके हों और उनकी अपीलों पर निकट भविष्य में सुनवाई होने के आसार न हों तो उन्हें जमानत पर रिहा (released on bail) कर दिया जाना चाहिए, बशर्ते […]