भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

22 दिन से लापता युवक का खेत में मिला शव, परिजनों को हत्या की आशंका

  • मृतक का भाई बोला पुलिस समय पर कार्रवाई करती, संदेहियों से पूछताछ करती तो बच जाती जान

भोपाल। बिलखिरिया इलाके में स्थित हरीपुर गांव से 22 दिन पहले रहस्यमय हालातों में लापता हुए युवक का शव घोड़ा पछाड़ डेम के पास में स्थित खेत से सटे नाले के पास गुरुवार दोपहर तीन बजे बरामद किया गया है। मृतक के परिजनों ने मामले में हत्या की आंशका जाहिर की है। वहीं पुलिस का कहना है कि बॉडी डी कम्पोज्ड हो चुकी है। लाश 15 दिन से अधिक पुरानी लग रही है। मामले में मर्ग कायम कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद में आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इधर, मृतक के भाई का आरोप है कि गांव का एक परिवार भाई से रंजिश रखता था। संदेही के तौर पर पुलिस को इस परिवार का नाम बताया गया था। इसके बाद भी पुलिस ने इनसे पूछताछ नहीं की।
जानकारी के अनुसार विनय सिंह बंजारा पुत्र बापू सिंह बंजारा (40) निवासी ग्राम हरीपुरा मछली पकडऩे का काम करता था। विनय के छोटे भाई जगदीश बंजारा ने बताया कि उनके भैया घोड़ा पछाड़ डेम से फंदे लगाकर मछली पकडऩे का काम करते थे। उनके एक पांव मेें तकलीफ होने के कारण वह अन्य कोई काम नहीं करते थे। परिवार चलाने के लिए भाभी ममता बाई मजदूरी का काम करती थीं। भैया के दो बेटे और दो बेटियां हैं। पिछले महीने 12 अक्टूबर की सुबह पांच बजे भैया मछली पकडऩे जाने का बोलकर घर से निकले थे। दिन भर वह घर नहीं लौटे। जगदीश व अन्य रिश्तेदारों ने दिन भर विनय को डेम व आस पास तलाश किया। जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो देर रात थाने में पहुंचकर गुमशुदगी दर्ज करा दी। जगदीश का आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई में लेट लतीफी की। इतना ही नहीं संदेहियों का नाम बताने के बाद भी उनसे पूछताछ नहीं की गई। पुलिस से तमाम बार मिन्नते की गई कि तालाब व आस पास की सर्चिंग कराई जाए। पुलिस ने सर्चिंग नहीं कराई। पुलिस एक ही रट लगाए हुए थी जब तक विनय का तालाब में जाने का कोई सबूत नहीं मिलता, सर्चिंग नहीं कराई जाएगी।


घरों की सर्चिंग कराते तो शायद भैया जिंदा होते
जगदीश का कहना है कि घर के पास ही अन्य जाति का परिवार रहता है। इस परिवार के लड़के भैया से रंजिश रखते थे। भैया और उक्त परिवार के लड़के डेम में फंदा लगाकर अवैध रूप से मछली पकड़ते थे। भैया कभी कभार इन लोगोंं के फंदो से भी मछली निकाल लाया करते थे। इसी कारण यह लोग भैया से रंजिश रखते थे। गुमशुदगी के बाद संदेही के तौर पर इन लोगों के पुलिस को नाम बताए गए थे। इनके घर सर्चिंग कराने के लिए कई बार पुलिस से कहा गया पुलिस टालती रही। गांव के लोगों के साथ हम लोग सर्चिंग करने के लिए भी गए तो इन लोगों ने घर दिखाने से मना कर दिया।

कई दिनों तक नहीं दिखी थी लाश
जगदीश का कहना है कि भाई के लापता होने के बाद कई दिन तक तालाब व आस पास उनकी तलाश करने जाते थे, जहां बॉडी मिली वहां भी एक दो बार देख चुके थे। तब भैया का शव नहीं दिखा था। अब जिस खेत में बॉडी मिली है। वह उन्हीं संदेहियों के घर के पास है जिन पर उन्हें हत्या का शक है। बॉडी करीब 15 दिन पुरानी है, शव के पास से एक फेसमास्क मिला है। कपड़ों और चप्पलों से कंकाल की पहचान की गई है।

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