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रक्षा मंत्रालय ने किया बड़ा करार, समुद्र में तैनात होंगे आठ गश्ती जहाज, दुश्मनों पर रखेंगे पैनी नजर

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने सोमवार को कहा कि उसने तटरक्षक बल (Coast Guard) के लिए उच्च-गति वाले आठ गश्ती पोत (eight high-speed patrol vessels) के निर्माण के वास्ते गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ( Goa Shipyard Limited) के साथ 473 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. मंत्रालय ने कहा कि जीएसएल इन पोत का डिजायन और निर्माण करेगी. साथ ही कहा कि इस परियोजना से पोत निर्माण की घरेलू क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र में रोजगार के असवर भी बढ़ेंगे।


मंत्रालय ने कहा, ”ये आठ उच्च गति वाले पोत कम गहराई वाले जलक्षेत्र में काम करने में सक्षम होंगे और इससे विशाल समुद्र तट के सुरक्षा तंत्र को मजबूती देने में सहायता मिलेगी.” यह अनुबंध भारत को एक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के सरकार के संकल्प को और बढ़ावा देगा, जो न केवल घरेलू जरूरतों को, बल्कि निर्यात बाजार को भी पूरा करता है।

प्रभावी कमान और नियंत्रण के लिए भारत के समुद्री क्षेत्रों को पांच तटरक्षक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, यानी उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, पूर्व, उत्तर-पूर्व और अंडमान और निकोबार. इनके संबंधित क्षेत्रीय मुख्यालय गांधीनगर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।

प्रत्येक क्षेत्र, जिसकी कमान महानिरीक्षक के स्तर के अधिकारियों के पास है, को बारह तटरक्षक जिलों में विभाजित किया गया है, मुख्य भूमि पर नौ तटीय राज्यों के लिए एक-एक, अंडमान और निकोबार क्षेत्र में दो और लक्षद्वीप में कवरत्ती एक और मिनिकॉय द्वीपसमूह में एक।

प्रत्येक तटरक्षक जिले में एक या अधिक तटरक्षक स्टेशन होते हैं. इसके अलावा, समुद्र तट के साथ विभिन्न स्थानों से हवाई संचालन के लिए तटरक्षक वायु स्टेशन (सीजीएएस) और एयर एन्क्लेव (सीजीएई) हैं।

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