जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News) मध्‍यप्रदेश

कोरोना जैसे मिलते-जुलते लक्षण वाले रोग भी तेजी से पांव पसारने लगे

रीवा।कोरोना संक्रमण के फैलाव पर तनिक भी अंकुश नहीं लग रहा है। संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। रोज नहीं तो हर दूसरे-तीसरे दिन कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। इससे पार पाना स्वास्थ्य महकमें के लिए बड़ी चुनौती बना ही है, इसी बीच कोरोना जैसे मिलते-जुलते लक्षण वाले रोग भी तेजी से पांव पसारने लगे हैं। शुरूआती दौर में लोगों को समझ में ही नहीं आ रहा कि उन्हें हुआ क्या है? लेकिन तब तक ये मौसमी बीमारी रोगी को जकड़ ले रही है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे को कोरोना के साथ इस मौसमी बीमारी से भी लडऩे की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
जिले में नगर निगम की लचर सफाई व्यवस्था ने लोगों की जान आफत में डाल दी है। गंदगी के चलते एडीज नामक मच्छर की सक्रियता बढ़ रही है जिससे लोगों तरह-तरह के मर्ज गिरफ्त में आते जा रहे हैं, मसलन तेज बुखार,डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे घातक रोगों के साथ सर्दी- जुकाम, बदन दर्द के मरीज भी सामने आ रहे हैं। सर्वाधिक मरीज बुखार से पीडि़त होने वालों की है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग भी अभी इन रोगों को लेकर संजीदा नजर नहीं आ रहा है।
इसे लापरवाही की इंतिहां नहीं तो और क्या कहें कि जिले में बुखार तक की जांच के मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। लिहाजा इसके लिए भी दूसरे शहरों में सैंपल भेजा जा रहा है। यहां बता दें कि डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास जांच की पर्याप्त सुविधा नहीं है। ऐसे में संभावित लक्षण वाले मरीजों को जबलपुर और इलाहाबाद में जांच के लिए या तो भेजा जाता है या फिर उनका ब्लड सैंपल लेकर जांच कराई जाती है। स्वास्थ्य विभाग के पास जो जांच किट है उसमें बीमारी स्पष्ट नहीं हो पाती है।
मलेरिया व अन्य रोगों के लक्षण
लगातार बुखार आना मलेरिया का लक्षण हो सकता है। साथ ही शरीर में दर्द, उठने-बैठने में समस्या, जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर का अकडऩ, शरीर में रैशेज या चकते पड़ जाना, सिर में तेज दर्द, मांस-पेशियों में खिचाव, चक्कर आना, उल्टी महसूस होना डेंगू सहित अन्य गंभीर बुखार के मूल लक्षण है। इसका इलाज संभव है और समय पर परीक्षण कराकर बीमार व्यक्ति घर बैठे इलाज करके ठीक हो सकता है। इन खतरनाक बीमारी के फैलने की मुख्य वजह है गंदे पानी की निकासी न हो पाना और रहवासी क्षेत्रों में गंदे पानी का भराव होना। वहीं नालियां गंदे पानी से लबालब होने पर मच्छर के लारवा तैयार होते हैं। मच्छर के काटने से बुखार आने के साथ ही अन्य डेंगू, चिकनगुनिया का भी प्रभाव लंबे समय से बीमार होने वाले मरीज में पड़ता है।
सीएमएचओ रीवा डॉ. आरएस पांडे का कहना है कि मौसम की वजह से यह बुखार ज्यादा फैलते हैं। मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों में व्यवस्था बनाई गई है। जांच के लिए किट उपलब्ध है। कई बार जांच रिपोर्ट सही न आने पर जबलपुर मेडिकल कॉलेज स्लाइड भेजकर जांच करवाई जाती है।

Share:

Next Post

सिवनी से लाया गया घायल भालू स्वस्थ हुआ

Sat Aug 8 , 2020
भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में गत 20 जुलाई को सिवनी जिले के ग्राम मुंडारा के राजोला बीट से रेस्क्यू कर लाया गया भालू उपचार के बाद स्वस्थ हो गया है। डॉक्टर अतुल गुप्ता की देखरेख में वन विहार के स्टाफ ने भालू के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की। शनिवार को भालू को बेहोश […]