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राजस्थान में सामने आया ई-चालान घोटाला, सरकार को लगायी चपत

धौलपुर। राजस्थान(Rajasthan) के धौलपुर जिले में भी रजिस्टार विभाग(register department) में 27 ई ग्रास चालान में गड़बड़ी (Error in e gras challan) कर 39 लाख का घोटाला(scam) कर सरकार को चपत लगाने का मामला सामने आया है. इसे लेकर रजिस्टार विभाग जयपुर(register department jaipur) की ओर से जांच प्रारंभ कर दी गई है.
वहीं धौलपुर में भी रजिस्टार विभाग (Register department in Dholpur also) के अधिकारियों ने संबंधित रजिस्ट्री कराने वाले लोगों को नोटिस जारी कर रजिस्ट्री की राशि विभाग में जमा कराने के निर्देश दिए हैं और राशि जमा नहीं कराने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.



इसे लेकर जहां एक ओर रजिस्ट्री कराने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने ई-ग्रास चालान काटने वालों के खिलाफ और रजिस्ट्रार कार्यालय धौलपुर के कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली है.
बता दें कि ई-ग्रास के जरिए चालान जमा कराने में राजस्थान के 4 जिलों में 17 उप पंजीयक कार्यालयों में 676 दस्तावेज के पंजीयन में 7.94 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया हैं. जयपुर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, भरतपुर और धौलपुर में 676 मामले सामने आए हैं.
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने ई-ग्रास चालान में हुई गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी हैं. विभाग ने तीन अधिकारी और 7 क्लर्कों पर कार्रवाई की है. साथ ही 44 कर्मचार‍ियों को नोटिस जारी किये हैं.

अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी
पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में इतना बड़ा घोटाला हो गया लेकिन इसकी किसी भी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी. इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की मिलीभगत से पूरे राजस्थान में विभाग को करोड़ों का चूना लगा दिया. जिन लोगों ने अपनी मकान, प्लॉट और जमीन की रजिस्ट्री कराई ओर उन्होंने पूरा पैसा जमा किया,उनको नोटिस जारी किए हैं कि पैसा जमा कराओ लेकिन जिन कार्मिकों द्वारा यह घोटाला किया गया,उनके खिलाफ सरकार एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवा रही.
धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि एक ही चालान को फर्जी तरीके से 2 बार उपयोग में लेकर 27 मामलों में करीब 39 लाख रुपये के घपले का मामला सामने आया है जिसे लेकर जांच की जा रही है. जिला कलेक्टर ने भी इस मामले में रजिस्टार ऑफिस के कार्मिकों की मिलीभगत होने का संदेह जाहिर किया है.
जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि पंजीयन विभाग की गतिविधियों में हेड ऑफिस से जानकारी मिली है कि करीब 27 मामले ऐसे हैं जिसमें 39 लाख रुपये की राशि का घोटाला हुआ है. फर्जी तौर पर रसीदें बना कर लोगों को दे दी गई और पैसा हड़प लिया गया. पूरे राजस्थान में करीब दस करोड़ की राशि के केसेज आये हैं. सम्बंधित व्यक्तियों को जिन्होंने राशि जमा कराई हैं उनको नोटिस जारी कर दिए गए हैं. पंजीयन विभाग में कुछ व्यक्तियों को अधिकृत किया गया हैं वो राशि जमा कर सकते हैं. इनको नकद राशि जमा कराने को दी गई जिसमें फर्जी दस्तावेज बना लिए और सत्यापन में वास्तव में वह राशि जमा नहीं हुई. सम्बंधित पक्षकारो को अवगत कराया है क‍ि वो एफआईआर दर्ज कराएं जिन्होंने राशि जमा कराई है.

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