इंदौर न्यूज़ (Indore News)

3 बार बिक चुके हैं गारमेंट पार्क के भूखंड


मालवा वनस्पति घोटाले में कलेक्टर की जांच के बाद अन्य विभाग भी हुए सक्रिय… थमाए नोटिस

इंदौर। मालवा वनस्पति में अभिन्यास के जरिए जालसाजी का मामला जो कलेक्टर मनीष सिंह ने पकड़ा, उसके बाद अब अन्य विभाग भी सक्रिय हो गए। नगर तथा ग्राम निवेश ने जहां नोटिस जारी कर दिया, वहीं नगर निगम भी मंजूर अभिन्यास को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। फ्लेटेड कॉम्प्लेक्स की अनुमति लेकर भूखंड बेचने के इस घोटाले में यह भी पता चला है कि जो गारमेंट पार्क यहां विकसित किया जा रहा है उसके भूखंड 3 बार बाजार में बिक चुके हैं। लगभग 129 भूखंड यहां विकसित किए गए, जिन्हें अनुमति के पहले ही शुरुआत में बेच दिया गया था।

मालवा वनस्पति एवं केमिकल प्रा. लि. की भागीरथपुरा स्थित औद्योगिक उपयोग की जमीन के टाइटल को लेकर पहले जहां विवाद हुआ, वहीं अब अभिन्यास मंजूरी के बाद विकासकर्ता द्वारा की गई जालसाजी का खुलासा हुआ। कलेक्टर मनीष सिंह ने मिली शिकायत के बाद इस पूरे मामले की जांच तीन अधिकारियों की कमेटी से करवाई और उससे यह खुलासा हुआ कि इस जमीन पर नगर तथा ग्राम निवेश और उसके बाद नगर निगम से जो अभिन्यास और भवन अनुज्ञा हाासिल की गई उसमें जबरदस्त फर्जीवाड़ा किया गया। फ्लेटेड कॉम्प्लेक्स की अनुमति लेकर भूखंड बेच डाले, जिसके चलते लगभग 126 करोड़ रुपए की अवैध कमाई सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक ही उजागर हुई, जबकि बाजार भाव से तो यह घोटाला 200 करोड़ रुपए से अधिक का हो जाता है। कूटरचित दस्तावेजों के सहारे किए गए इस फर्जीवाड़े के बाद नगर तथा ग्राम निवेश ने नोटिस जारी कर दिया है। संयुक्त संचालक एसके मुद्गल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 9.584 हैक्टेयर पर फ्लेटेड फैक्ट्री उपयोग की अनुमति दी गई थी, लेकिन तीन विक्रय पत्र जो निष्पादित हुए, उसकी जांच से पता चला कि विक्रेता के रूप में भूमि और उस पर निर्मित कथित प्लिंथ का विक्रय किया गया। जबकि निर्मित बिल्टअप क्षेत्रफल का ही विक्रय हो सकता था, लेकिन अनुज्ञा शर्तों का उल्लंघन कर भूखंडों का विक्रय किया गया, जबकि भवन का निर्माण कर अलग-अलग तलों पर प्रकोष्ठों का विक्रय करना था। विक्रय-पत्रों के माध्यम से भूखंडों के अनुलग्न क्षेत्र यानी एमओएस को क्रेता पक्ष के स्वतंत्र उपयोग-उपभोग हेतु प्रदाय किया गया था, जबकि उक्त एमएस निर्मित होने वाले सम्पूर्ण भवन का शामिलाती क्षेत्र होने के कारण उसे किसी भी क्रेता को स्वतंत्र उपयोग या उपभोग हेतु विक्रय-पत्र के माध्यम से नहीं किया जा सकता। लिहाजा मालवा वनस्पति एंड केमिकल तर्फे डायरेक्टर को नोटिस जारी किया गया है। दूसरी तरफ नगर निगम भी मंजूर भवन अनुज्ञा को निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर रहा है। दो हजार रुपए स्क्वेयर फीट की दर से शुरुआत में भूखंड बेचे गए, जो 3-3 बार बिककर अब 4 हजार रुपए स्क्वेयर फीट की दर तक पहुं गए हैं।

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