इंदौर न्यूज़ (Indore News)

253 करोड़ में पूरी होगी अधूरी कोर्ट बिल्डिंग, फिर से बुलाए टेंडर

  • हाईकोर्ट भी फटकार लगा चुका है लोक निर्माण विभाग को, नासिक की ठेकेदार फर्म को 125 करोड़ का किया भुगतान और बिना पेनल्टी लगाए ठेका भी कर दिया रद्द

इंदौर (Indore)। पिपल्याहाना तालाब के पास बन रही जिला कोर्ट बिल्डिंग का निर्माण पता नहीं किस मुहूत्र्त में शुरू हुआ, जिसके चलते साढ़े 4 साल बाद भी निर्माण अधूरा है। पहले तो तालाब के कारण भी कई आपत्तियां रही। मगर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट निर्देश पर कोर्ट बिल्डिंग का काम शुरू हुआ और लोक निर्माण विभाग ने 411 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति के बाद नासिक की ठेकेदार फर्म हर्ष कंस्ट्रक्शन को बिल्डिंग बनाने का ठेका सौंपा और 150 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए। मगर आधी-अधूरी बिल्डिंग छोडक़र ठेकेदार फर्म भाग खड़ी हुई। अब लोक निर्माण विभाग ने दूसरी बार 253 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है, ताकि किसी नई ठेकेदार फर्म को इस अधूरी बिल्डिंग को पूरा करने का काम सौंपा जा सके। पिछले दिनों हाईकोर्ट भी इस अधूरे निर्माण पर फटकार लगा चुका है।

जिला कोर्ट का यह निर्माण शुरू से ही विवादित रहा। पहले तो पर्यावरण से लेकर राजनीतिज्ञों ने पिपल्याहाना तालाब के पास बनने वाली बिल्डिंग का विरोध किया और अधिकांश अभिभाषक भी यहां इतनी दूर आने के लिए सहमत नहीं हुए। वर्तमान कोर्ट परिसर को ही विकसित करने की मांग की जाती रही, लेकिन शासन-प्रशासन और उसके बाद हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्माण को मंजूरी दी और 11 मंजिला बिल्डिंग के निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया। जनवरी 2019 में इस कोर्ट बिल्डिंग का काम शुरू हुआ और ठेके की शर्त के मुताबिक 30 महीने में काम पूरा होना था, जिसमें 169 कोर्ट रूम भी निर्मित होना है।


125 करोड़ रुपए की राशि इस ठेकेदार फर्म को भी पीडब्ल्यूडी ने सौंप दी, मगर लगभग 40 फीसदी ही काम साढ़े 3 साल में पूरा हुआ और ठेकेदार फर्म को कई नोटिस भी जारी किए गए। मगर काम में सुधार ना आने के चलते टेंडर निरस्त कर दिया गया। अभी पिछले दिनों हाईकोर्ट में भी इसी मुद्दे पर लगी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी नोटिस जारी कर बिल्डिंग के धीमी गति से चल रहे काम पर नाराजगी जाहिर की। हालांकि कोविड के कारण भी बिल्डिंग का काम रूका रहा और उसके बाद कुछ ना कुछ अन्य परेशानी भी आती रही। वहीं अभी लोक निर्माण विभाग ने इस अधूरी बिल्डिंग को पूरा करवाने का नए सिरे से टेंडर जारी किया है। हालांकि यह दूसरी बार टेंडर बुलाया है। पहली बार बुलाए टेंडर में कोई ठेकेदार फर्म नहीं आई। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 253 करोड़ रुपए इस टेंडर की अनुमानित लागत आंकी गई है, जिसमें पिपल्याहाना स्थित नवीन जिला कोर्ट के शेष निर्माण कार्य को पूरा कराया जाएगा। अब देखना यह है कि दूसरी बार भी कोई उपयुक्त ठेकेदार फर्म लोक निर्माण विभाग को मिलती है अथवा नहीं।

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