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भारत ने 110 अफगानी हिंदू और सिखों को तालिबान के चंगुल से निकाला, सभी लोगों का किया जाएगा पुनर्वास

नई दिल्‍ली । आतंक के चंगुल में फंसे 110 लोगों को आज नई जिंदगी मिली. ये वो लोग हैं जो महीनों से अफगानिस्तान (Afghanistan) में फंसे हुए थे और जिन्हें आज भारत के ऑपरेशन देवी शक्ति (Operation Devi Shakti) ने नई जिंदगी दी. माथे पर गुरुग्रंथ साहिब का पवित्र ग्रंथ और जुबान पर वाहे गुरु दा खालसा का जाप. अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद काबुल (Kabul) में फंसे 110 लोगों को जब रिहाई मिली तो उनके लिए यहां तक पहुंचना आसान नहीं था.

पिछले चार महीने से हर दिन, हर पल वो इस वक्त का इंतजार कर रहे थे ताकी तालिबानी राज से मक्ति मिले और जब वो वक्त आया तो काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) पहुंचते ही सबसे पहले उन्होंने भारत सरकार को शुक्रिया कहा. तालिबान राज से मुक्ति की खुशी उनके चेहरे पर दिख रही थी, जब वो काबुल एयरपोर्ट पर काम एयर के विमान में बारी बारी से सवार हो रहे थे. लेकिन सबसे आगे थे वो ग्रंथी थे, जिनके माथे पर गुरुग्रंथ साहिब का पवित्र ग्रंथ था. सबसे आगे वो जहाज में सवार हो रहे थे और पीछे थे 100 से ज्यादा लोग.


भारत सरकार का किया धन्यवाद
पवित्र ग्रंथ को भी जहाज में सबसे आगे रखा गया. विमान में सवार होने के बाद एक बार फिर सिखों ने भारत सरकार को धन्यवाद किया. ये हिंदुस्तान का ऑपरेशन देवी शक्ति है, जिसमें अफगानिस्तान में फंसे लोगों को स्पेशल विमान से हिन्दुस्तान लाया गया. इनमें गुरुद्वारा गुरु हर राय में आतंकवादी हमले के दौरान मारे गए सुरक्षा गार्ड महरम अली के परिवार को भी एयरलिफ्ट किया गया. शुक्रवार को इन लोगों ने आतंक की धरती छोड़कर जब अपने हिंदुस्तान की मिट्टी पर कदम रखा तो हर किसी के जान में जान आ गई. इनमें कोई सिख है तो कोई हिंदू.

रेस्क्यू किए गए लोगों में अफगानी हिंदू और सिख
अफगानिस्तान से रेस्क्यू किए गए लोगों में अफगानी हिंदू और सिख हैं और इनमें वो 4 भारतीय भी शामिल हैं जो अफगानिस्तान से बाहर नहीं निकल सके थे. इन मुसीबत के मारे लोगों में बच्चे हैं, उनके माता-पिता हैं और भारत की बेटियां भी जिन्होंने अफगानी सिखों से शादी की और वहीं बस गई. संकट के इस वक्त में भारत ने इनके लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. ये सभी लोग अपने साथ धार्मिक विरासत भी लेकर आए हैं. इनके साथ ना सिर्फ अफगानिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों से गुरु ग्रंथ साहिब की तीन प्रतियां हिन्दुस्तान लाई गई हैं बल्कि 5वीं शताब्दी के असमाई मंदिर से रामायण, महाभारत और भगवद गीता सहित कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों को भी भारत लाया गया है.

भारत लाए गए सभी अफगान नागरिकों का किया जाएगा पुनर्वास
गुरुग्रंथ साहिब को दिल्ली के महावीर नगर में गुरु अर्जन देव गुरुद्वारे में रखा गया है, जबकि रामायण, महाभारत और भगवद गीता सहित कई हिंदू धार्मिक ग्रंथों को फरीदाबाद के असामी मंदिर में रखा गया है. ये ऑपरेशन देवी शक्ति का ही असर है कि अफगानिस्तान संकट से परेशान लोगों को हिन्दुस्तान से आस और विश्वास है. भारत इस आस और विश्वास पर हमेशा खरा उतरा है. अफगानिस्तान संकट शुरू होने से लेकर अब तक भारत ने 565 फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला है और उनकी हर संभव मदद भी की है. इस बार भी सरकार काबुल से भारत लाए 110 लोगों के साथ हैं. भारत लाए गए सभी अफगान नागरिकों का यहां पुनर्वास भी किया जाएगा.

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