इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : अनाज बेचकर बोरों में भूसा भरा, 21 करोड़ की धोखाधड़ी

धोखाधड़ी के मामले में पहले से जेल में बंद था अपराधी… अब आर्थिक अपराध शाखा ने लिया रिमांड पर …
इंदौर।  अनाज (grain) खरीदने के लिए 21 करोड़ का कर्ज लेने के बाद बोरों में पत्थर और भूसा भरकर अनाज बेच दिया। अब धोखाधड़ी के दो प्रकरणों में ईओडब्ल्यू (EOW) ने कल महू जेल में बंद एक आरोपी को जेल से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। मानपुर थाने (manpur police station) में दर्ज धोखाधड़ी के एक प्रकरण में पुलिस ने उसे पकड़ा था और उसके बाद से वह डेढ़ माह से जेल में था।
ईओडब्ल्यू (EOW)  के एसआई राजेश गोयल ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने 2020 में वेयर हाउस मालिक आलोक पिता दिनेशचंद्र शारडा निवासी मानुपर सहित आठ लोगों के खिलाफ दो केस दर्ज किए थे। पहले प्रकरण में आरोपी आलोक ने किसान धन एग्री फाइनेंस दिल्ली की कंपनी के साथ धोखाधड़ी की थी। कंपनी ने किसानों से कृषि उपज लेकर उनको लोन दिया था। यह उपज मानपुर के आलोक के गोदाम में रखी गई थी। आलोक ने दिल्ली की कंपनी के सुपरवाइजर विष्णुदत्त पाराशर और दो गार्ड के साथ मिलकर 12 करोड़ की कृषि उपज में से छह करोड़ की उपच बेच दी और बोरों में पत्थर और भूसा भर दिया था। इस मामले में एक केस दर्ज किया गया था, जबकि दूसरा मामला सोहनलाल कमोडिटी नामक कंपनी का है। इस कंपनी ने एलटीसी कंपनी के माध्यम से पीथमपुर की आईडीबीआई बैंक से किसानों की फसल को गिरवी रखकर लोन दिलवाए थे। 42 किसानों को वेयर हाउस की रसीद के आधार पर 15 करोड़ का लोन दिलवाया गया था और उनकी उपज वेयर हाउस में रखी गई थी। आरोपी ने कंपनी के एरिया मैनेजर और गार्ड के साथ मिलकर 15 करोड़ की उपज बेच दी। इस तरह उसने दो मामलों में 21 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। दोनों मामलों में पुलिस (Police) को उसकी तलाश थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। कल उसे दोनों केस में गिरफ्तार किया गया।


दोनों केस में आठ आरोपी, एक पहले हो चुका गिरफ्तार
एसआई गोयल ने बताया कि दोनों केस में आठ आरोपी हैं, जिनमें से विष्णुदत्त पाराशर को कुछ दिन पहले पुलिस (Police) ने गिरफ्तार किया था, जबकि वेयर हाउस (warehouse)  मालिक आलोक शारडा को कल जेल से रिमांड पर लिया गया और उसकी दोनों प्रकरणों में गिरफ्तारी ली गई। मानपुर में भी उसने लाखों की धोखाधड़ी की थी, जिसमें पुलिस ने उसे पकड़ा था। हालांकि उसे जेल से रिमांड पर लेने में ईओडब्ल्यू (EOW) को काफी मशक्कत करना पड़ी। वह बीमारी का बहाना बनाकर दो बार तारीख पर पेश नहीं हुआ और जमानत का प्रयास करता रहा, लेकिन ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में आवेदन लगाकर बताया था कि उसके खिलाफ दो और केस हैं, जिनमें ईओडब्ल्यू (EOW) को उसकी आवश्यकता है, उसे जमानत न दी जाए। अब उससे बारिकी से पूछताछ की जाएगी, ताकि ईओडब्ल्ूय को और भी साक्ष्य मिल सके।

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