इंदौर न्यूज़ (Indore News)

1200 एकड़ की दो योचनाओं के मंजूर अभिन्यासों को देख सकेंगे जमीन मालिक

  • प्राधिकरण ने तीन माह की समयावधि तय की, टीपीएस-9 और 10 को बोर्ड संकल्प के आधार पर दिया है अंतिम रूप, लौटाई जाने वाली 50 फीसदी जमीन भी तय

इंदौर (Indore)। प्राधिकरण (authority) की पिछली बोर्ड बैठक में 1200 एकड़ की दो योजनाएं ओटीपीएस9 और 10 को मंजूरी दी थी और 614 आपत्तियों का निराकरण (resolve) भी किया गया। अब शासन को अंतिम मंजूरी के लिए जहां इन दोनों योजनाओं को भेजा गया है, वहीं नगर तथा ग्राम निवेश से मंजूूर अभिन्यासों को जमीन मालिकों को दिखाने के लिए तीन माह की समय सीमा धारा 50 की उपधारा 11 के तहत तय की गई है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने लैंड पुलिंग एक्ट के तहत घोषित इन योजनाओं में जमीन मालिकों को जो 50 फीसदी वापस जमीन या भूखंड लौटाना है उनकी भी मार्किंग अभिन्यास में कर दी है। अब प्राधिकरण इन दोनों योजनाओं में विकास कार्यों के लिए डीपीआर तैयार करवा रहा है।

जब से लैंड पुलिंग एक्ट लागू हुआ है तब से प्राधिकरण को अपनी पुरानी प्रचलित योजनाओं को समाप्त कर टीपीएस के तहत लागू किया गया है, जिसके चलते पिछले दिनों टीपीएस-1, 2, 3 के अलावा 5, 6, 7, 8, 9, 10 पर अमल शुरू किया गया। टीपीएस-4 पर अभी हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है, उसे भी खारिज करवाने में प्राधिकरण जुटा है। अभी पिछली बोर्ड बैठक में टीपीएस-9 और 10 को भी अंतिम मंजूरी दी गई और संकल्प पारित करने के साथ शासन को भी ये योजनाएं भेज दी हैं। तिलक नगर एक्सटेंशन सहित कुछ जमीनें मंजूरियों के आधार पर सशर्त छोड़ी गई हैं, जबकि विवादित संवाद नगर एक्सटेंशन सहित अन्य संस्थाओं की जमीनों को योजना में शामिल रखा गया है। टीपीएस-9 तो प्राधिकरण की ऐसी चर्चित योजना है जो कि पूर्व में कई मर्तबा लागू होने के बाद निरस्त भी होती रही है।


बायपास की इस योजना में तमाम रसूखदारों की जमीनें शामिल हैं, जिसके चलते भोपाल से भी लगभग 150 एकड़ से अधिक जमीनें घटवाकर नए सिरे से योजना लागू करवाई गई। अब ग्राम भिचौली हब्सी, टिगरियाराव, कनाडिय़ा की 263 हेक्टेयर जमीन योजना में शामिल है, तो इसी तरह टीपीएस-10, जो कि सुपर कॉरिडोर पर है, उसमें ग्राम बड़ा बांगड़दा, टिगरिया बादशाह, पालाखेड़ी और लिम्बोदागारी की लगभग 223 हेक्टेयर योजना शामिल की गई है। चूंकि प्रारम्भिक प्रकाशन के बाद 6 माह के भीतर प्राधिकरण और शासन को इसे अमल में लाना पड़ेगा। लिहाजा योजना को मंजूरी देकर भोपाल भेजा गया। इन दोनों योजनाओं में 614 आपत्तियों का निराकरण भी किया गया है।

अब प्राधिकरण ने इन दोनों योजनाओं में धारा 50 की उपधारा 11 के तहत सूचना भी प्रकाशित करवाई है, जिसमें कहा गया कि नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदन के पश्चात योजना के अभिन्यास, मूल भूखंड और अंतिम भूखंड को दर्शाते हुए जो प्रारुप प्रकाशित किया है उसे 90 दिन यानी तीन महीने तक जमीन मालिक देख सकेंगे। प्राधिकरण के अलावा कलेक्टर कार्यालय, नगर तथा ग्राम निवेश के दफ्तर, हाउसिंग बोर्ड, आयुक्त नगर निगम कार्यालय के साथ ही प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी इसे प्रकाशित कर दिया गया है। अभी 27 मार्च से इन दोनों योजनाओं को प्रभावशील घोषित किया गया है। अब प्राधिकरण इन दोनों योजनाओं में विकास कार्यों के लिए डीपीआर तैयार करवा रहा है, ताकि सडक़, ड्रैनेज, बिजली के खम्भों सहित अन्य जरूरी विकास कार्य कराए जा सकें। टीपीएस-9 में तो कुछ चर्चित गृह निर्माण संस्थाओं, जिनमें करतार, संवाद नगर एक्सटेंशन, दीप ज्योति, पाश्र्वनाथ, हिमालय, सुमंगला, अमित प्रिया और पृथ्वी सहित अन्य जेबी संस्थाओं की जमीनें भी शामिल हैं, जिसे योजना में शामिल रखा गया है।

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