नई दिल्ली । शरद पवार द्वारा बुलाई गई (Called by Sharad Pawar) एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में (In National Executive Meeting of NCP) नेताओं (Leaders) ने शरद पवार पर (On Sharad Pawar) पूरा भरोसा जताया (Expressed Full Faith) । एनसीपी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने कहा -मुझे खुशी है कि जिन लोगों को निष्कासित किया, उनको छोड़कर बाकि अन्य लोग इतने कम समय में बैठक के लिए आए। हमारे सभी साथियों की मानसिकता पार्टी को मजबूती से आगे ले जाने की रही । मुझे खुशी है कि आज की बैठक हमारा हौसला बढ़ाने के लिए मददगार होगी… मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं, अगर कोई ऐसा दावा कर रहा है तो उसमें कोई सच्चाई नहीं है। पवार ने कहा -चाहे मैं 82 का हो जाऊं या 92 का, मैं अभी भी प्रभावी हूं। अब, हमें जो भी कहना है, हम भारत के चुनाव आयोग के सामने कहेंगे। आज की बैठक ने हमारा मनोबल बढ़ाने में मदद की है।
एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर पी. सी. चाको ने कहा-हमारी राष्ट्रीय कमेटी तालकटोरा स्टेडियम में मिली थी, जिसमें शरद पवार जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित किया है… पार्टी की 27 इकाइयां हैं। इन सभी 27 राज्य इकाइयों ने एनसीपी के साथ रहने की बात कही है। किसी भी एक इकाई ने यह नहीं कहा कि वह शरद पवार के साथ नहीं हैं। पी. सी. चाको ने कहा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की कार्य समिति ने प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और एनडीए से हाथ मिलाने वाले 9 विधायकों को निष्कासित करने के शरद पवार के फैसले को मंजूरी दी है।
दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पोस्टर युद्ध छिड़ गया है। पार्टी की छात्र शाखा ने राकांपा कार्यालय के बाहर अजित पवार को ‘गद्दार’ करार देते हुए पोस्टर लगाए। यह पोस्टर यहां एनसीपी कार्यालय के बाहर लगाये गये हैं। गुरुवार को राकांपा संस्थापक शरद पवार के दिल्ली आगमन से पहले, ‘बाहुबली : द बिगिनिंग’ के एक दृश्य वाले पोस्टर लगाए गए, जिसमें कटप्पा बाहुबली की पीठ में छुरा घोंपता है। पोस्टर पर ‘गद्दार’ लिखा हुआ था।
इस बीच, दिल्ली में राकांपा कार्यालय के बाहर से राकांपा के सभी पुराने पोस्टर और होर्डिंग्स हटा दिए गए, जिनमें अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल नजर आ रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी में यह बैठक राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार दोनों की बुधवार को मुंबई में अलग-अलग बैठकें करने के एक दिन बाद हुई है। अजित पवार ने राकांपा को तोड़ दिया था और महाराष्ट्र में भाजपा-एकनाथ शिंदे सरकार में आठ मंत्रियों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
अजित पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में करीब 30 विधायक शामिल हुए। दावे-प्रतिदावे के बावजूद, वरिष्ठ नेताओं ने अजित पवार के पक्ष में 35 और शरद पवार के खेमे में 18 का आंकड़ा बताया है। हालांकि वास्तविक तस्वीर अभी सामने आनी बाकी है। राकांपा के पास 53 विधायक हैं और अजीत पवार को दलबदल विरोधी कानूनों से बचने के लिए दो-तिहाई – यानी कम से कम 36 विधायकों – के समर्थन की आवश्यकता होगी। राकांपा के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई बुधवार को चुनाव आयोग तक पहुंच गई। अजित पवार के खेमे ने यह दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया कि उन्हें पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अजित पवार के नेतृत्व वाले खेमे ने 40 निर्वाचित जनप्रतिनिधियों (एमएलए, एमएलसी और एमपी) के समर्थन का दावा किया।
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