MP Election Result Live Update : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) को लेकर एग्जिट पोल बता रहे हैं कि प्रदेश में भाजपा की वापसी (BJP’s return) हो रही है। इसके साथ ही यह चर्चा शुरू हो गई है कि भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन होगा? पार्टी ने 2023 विधानसभा चुनाव (2023 assembly elections) में अभी तक किसी चेहरे के घोषणा नहीं की है। यदि सत्ता में वापसी के बाद शिवराज सिंह चौहान को पार्टी मुख्यमंत्री नहीं बनाती है तो पांच नाम ऐसे हैं जो सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे चुनाव में अकेले ही फ्रंट फूट पर बैटिंग करते रहे हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने 160 से ज्यादा रैलियां की हैं। इन रैलियों के जरिए पार्टी पर कथित रूप से अपने दावेदारी को लेकर दबाव भी बनाते दिखे हैं। जब वे मंच से सवाल करते थे कि मुझे फिर से सीएम या मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? तो इसका असर यह जरूर हुआ कि आखिर वक्त में पार्टी के बड़े नेताओं ने उनकी योजनाओं का जिक्र करना शुरू कर दिया, लेकिन चेहरे पर अभी तक लोग चुप्पी साधे हैं। सीएम शिवराज से भी ग्वालियर में एक दिसंबर को जब यह सवाल किया गया कि जब आप पांचवी बार मुख्यमंत्री बनेंगे? तो वे भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद कहते हुए आगे निकल गए। इसका मतलब साफ है कि अभी भी उनके नाम पर संशय बरकरार है। ऐसे में दूसरे दावेदारों के नाम की चर्चा शुरू हो गई है।
सबसे ज्यादा चर्चा केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की है। यह इसलिए कि शिवराज के बाद प्रदेश में ओबीसी के वे सबसे बड़े चेहरे हैं। मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से अधिक है। भाजपा चेहरा बदलती है तो उनकी दावेदारी मजबूत हो सकती हैं। वहीं, इसके बाद आदिवासियों के सबसे बड़े नेता भाजपा में फग्गन सिंह कुलस्ते के नाम की भी चर्चा है। वे मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। यदि नतीजे भाजपा के पक्ष में आते है तो पार्टी प्रयोग के तौर पर आदिवासी चेहरे को मौका दे सकती है।
इसके साथ ही दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर भी दावेदार माने जा रहे हैं। चुनाव के शुरुआती दिनों में वे फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे थे, चुनाव की बड़ी जिम्मेदारियां उनके कंधों पर थी। हालांकि, बेटे के कथित लेनदेन के वीडियो आने के बाद साइलेंट हो गए हैं।
इसके साथ ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नाम की भी चर्चा होती है। इन संभावनाओं को बल तब मिला, जब चुनाव प्रचार के दौरान के पीएम मोदी का प्यार इन पर खूब उमड़ा था। चुनावी रैली के दौरान मंच से पीएम इनकी पीठ थपथपाते नजर आए थे। साथ ही इंदौर की रैली में पीएम मोदी के साथ रोड शो में वीडी शर्मा अकेले थे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरी बार मौका मिला।
साथ ही भाजपा के बड़े औऱ धाकड़ नेता कैलाश विजयवर्गीय के नाम की भी चर्चा है। चुनाव प्रचार के दोरान कैलाश यह संकेत देते रहे हैं कि हम विधायक बनने नहीं आए हैं। विजयवर्गीय ने महासचिव रहते हुए पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूती दी है। इसके बाद उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं थी। साथ ही आलाकमान से उनकी नजदीकियां जगजाहिर हैं।
बता दें, इन नामों की मध्य प्रदेश में सीएम पद के दावेदारों के रूप में सिर्फ चर्चा है। रिजल्ट के बाद पार्टी तय करेगी कि पांचवी बार भी शिवराज सिंह चौहान का मौका देना है या फिर किसी और को। इन पांच नामों के अलावा भी डॉर्क हॉर्स हो सकते हैं। जिन्हें भाजपा मुख्यमंत्री बना सकती है। अन्य राज्यों का रिकॉर्ड देखें तो भाजपा अपने फैसलों से चौंकाती रहती हैं।
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