- स्वच्छता मिशन में सफाई मित्रों की विशेष भूमिका-सभी सफाईकर्मियों का बीमा, पीपी किट, दस्ताने, मास्क भी दिये
उज्जैन। स्वच्छता मिशन के तहत आगामी दिनों में उज्जैन को नम्बर वन लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी उपकरण दिए गए हैं। नगर में 9 लाख की आबादी है और 2700 स्वास्थ्यकर्मी कार्य करते हैं। इस प्रकार करीब साढ़े 3 हजार लोगों पर एक सफाईकर्मी नगर निगम ने रखा हुआ है जो कि इंदौर तथा अन्य शहरों की तुलना में कम है। आने वाले दिनों में केंद्रीय स्वच्छता मिशन की टीम उज्जैन का दौरा करेगी और 15 दिनों तक यहीं पर रह कर सफाई की स्थिति देखेगी तथा इसके बाद अंक देकर उज्जैन को लेकर फैसला होगा। अलग-अलग श्रेणी में हमको विभाजित किया गया है। एक जानकारी में नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने अग्रिबाण को बताया कि उज्जैन शहर में 9 लाख की आबादी है तथा 2 हजार 700 सफाईकर्मी मेहनत कर रहे हैं। नाला गैंग को विशेष उपकरण दिए गए हैं जिनमें पीपी किट, दस्ताने, मास्क हैं। इसके अलावा सभी का बीमा भी किया गया है। आपने कहा कि स्वच्छता कर्मियों की इस पूरे अभियान में विशेष भूमिका है और वे लगातार मेहनत कर रहे हैं। आपने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में भी उज्जैन में स्वच्छता को और अधिक बढ़ाया जाएगा। आपने नागरिकों से भी अपील की है कि वे शहर को साफ रखने में मदद करें तथा कचरा नगर निगम के वाहनों में डालें या निर्धारित स्थान पर फेंके।
2011 की जनगणना में उज्जैन में जनसंख्या 6 लाख थी
महाकाल लोक के बनने के कारण सफाई का लोड बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक बनने के बाद पूरे सप्ताह में प्रतिदिन 2-3 लाख लोग बाहर से आते हैं, जबकि रविवार-सोमवार को यह संख्या 5 लाख हो जाती है। इस प्रकार एक शहर जितनी आबादी बाहर से आ जाती है। यही कारण है कि शहर में सफाई चुनौती बनी हुई है और आने वाले दिनों में सफाई कर्मी बढ़ाएँ जाएँगे। स्वच्छता में नंबर वन लाने के लिए नागरिकों की भी भूमिका है और सभी को अपना फीडबैक देना है। Share: