भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

रोजाना 4 से 6 घंटे की कटौती से लोग परेशान

  • पूरे साल चलता है संधारण कार्य फिर भी नहीं थमती कटौती

भोपाल। विद्युत विभाग का पूरे साल संधारण के नाम पर कार्य चलता रहता है, लेकिन इसके बाद भी इनका संधारण कार्य पूरा नहीं हो पाता है। इसके कारण साल भर शहरवासियों को बिजली कटौती से परेशान रहना पड़ता है। वर्तमान में मानसून पूर्व के नाम पर संधारण कार्य किया जा रहा है, इसके चलते रोजाना शहर में 4 से 6 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है, वह भी तब जब भीषण गर्मी पड़ रही है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अमले द्वारा नए एवं पुराने शहर और कोलार की करीब 754 कालोनियों एवं मोहल्लों में प्री मानसून मेंटेनेंस किया जा चुका है। यह काम 60 दिन में किया गया। अभी नए, पुराने शहर एवं कोलार के करीब के 125 कॉलोनियों में मेंटेनेंस बाकी है। सवाल यह है कि 6 दिन में यह काम कैसे पूरा होगा। अब तक हुए मेंटेनेंस के शटडाउन के कारण 754 कॉलोनियों में करीब 330 घंटे बिजली की घोषित कटौती की गई।


10 जून तक मानसून मेंटेनेंस
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अभी 10 जून तक मानसून मेंटेनेंस किया जाएगा। अप्रैल के पहले हफ्ते से मेंटेनेंस शुरू किया था। इस दौरान तीज, त्योहारों और वीआईपी और वीवीआईपी दौरे के मद्देनजर मेंटेनेंस नहीं किया गया। इनके अलावा 55 दिन प्री मानसून मेंटेनेंस किया। इसके लिए ज्यादातर सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक घोषित बिजली कटौती की गई। भोपाल सिटी सर्कल के जनरल मैनेजर जेडए खान ने बताया कि रविवार को यूपीएससी के एग्जाम के कारण मेंटेनेंस नहीं होगा। शहर में 33 केवी क्षमता के 76 और 11 केवी क्षमता के 414 फीडर हैं। 11 केवी क्षमता की 1450 किमी लंबी लाइन और 33 केवी क्षमता की 840 किमी लंबी लाइन है।

साल भर मेंटेनेंस फिर भी जरूरत है
कंपनी ने डेढ़ साल पहले मेंटेनेंस का पैटर्न बदलकर साल भर मेंटेनेंस करना शुरू किया था। इससे पहले तक साल में दो बार मेंटेनेंस किया जाता था। फीडर्स की कैटेगिरी के मुताबिक महीने भर में होने वाली ट्रिपिंग के आधार पर मेंटेनेंस का फॉर्मेट तय है। लेकिन मेंटेनेंस की इन कवायद के बाद भी अचानक बिजली गुल होने की हर महीने 500 से ज्यादा शिकायतें दर्ज होती हैं। उधर जोन स्तर पर नया अमला बनाया गया। इसमें 18 मैदानी अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल किए। इनमें दो जूनियर इंजीनियर, 8 रेगुलर लाइनमैन हेल्पर और 8 आउटसोर्स कर्मचारी रखे हैं।

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