- नशामुक्ति का दिखावा, केवल 50 की जांच
इंदौर (Indore)। नशामुक्ति के नाम पर कलेक्टर कार्यालय में केवल 50 अधिकारियों की जांच कर अभियान की इतिश्री कर ली गई। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के जो कर्मचारी ही सबसे ज्यादा तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का सेवन करते हैं और वही जांच में छूट गए। कलेक्टर कार्यालय में कल नशामुक्ति को लेकर बेनीदेवी बैजनाथ मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी ने शासकीय दंत चिकित्सालय के सहयोग से तम्बाकू निषेध दिवस पखवाड़ा के तहत नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसके लिए कलेक्टर कार्यालय में एक दिवसीय दंत परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाना था, लेकिन ग्यारह से दो बजे तक आधे दिन में ही उक्त शिविर की इतिश्री कर ली गई।
लगभग दो घंटे आयोजित किए गए कैम्प में प्रथम व द्वितीय वर्ग के अधिकारी कलेक्टर के निर्देश पर जांच कराते नजर आए, वहीं जो वर्ग सबसे ज्यादा तम्बाकू और अन्य तरह के नशों में लिप्त है, उनकी किसी ने सुध तक नहीं ली। उक्त एनजीओ की माया पांडे द्वारा लगाए गए शिविर को लेकर कर्मचारियों में कलेक्टर के सामने नम्बर बढ़वाने् की चर्चा भी चली। दोपहर के सत्र के बाद जांच कराने पहुंचे कर्मचारियों को निराशा ही हाथ लगी तो उन्होंने एनजीओ पर सरकारी दंत चिकित्सालय का उपयोग कर अधिकारियों को गुमराह करने की बात कही।
दिखावा बना कैम्प
शासकीय दंत चिकित्सालय के विशेषज्ञों द्वारा पहले सत्र में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर व राजेश राठौर से दीप प्रज्जवलन कराकर शिविर की शुरुआत कराई गई। उसके बाद सिर्फ 50 अधिकारी-कर्मचारी ने ही जांच कराई। दो बजे तक कलेक्टर कार्यालय में आवेदकों की भीड़ के चलते चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व्यस्त थे। उसके बाद जांच कराने पहुंचे दांत व मुंह की कई परेशानियों से जूझ रहे कर्मचारियों को दंत चिकित्सालय आने की पर्ची पकड़ाकर चलता कर दिया गया। कलेक्टर कैबिन के बाहर तैनात होमगार्ड से लेकर चतुर्थ व तृतीय श्रेणी कर्मचारी ही सुविधा से वंचित रह गए।