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बीमारियों से बचाती है मजबूत इम्‍युनिटी, बेहद काम आएंगे ये आयुर्वेदिक उपाय

नई दिल्ली. किसी भी संक्रामक रोग या वायरल इंफेक्शन (Viral infection) से बचे रहने के लिए मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता / इम्यूनिटी (Strong immunity) काफी जरूरी है. COVID-19 महामारी में कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट (Delta and Omicron variant) फैलने के दौरान इम्यून सिस्टम का मजबूत होना अधिक जरूरी हो जाता है.

इम्यूनिटी हमारे शरीर की वो प्राकृतिक रक्षा प्रणाली (Natural defense system) होती है, जो विभिन्न वायरल समेत कई संक्रामक रोगों के खतरे को कम करती है और सुरक्षा प्रदान करती है. इम्यूनिटी सिर्फ एक दिन में या एक रात में नहीं बढ़ती, इसके लिए लगातार उस पर काम करना होता है. इम्यूनिटी बढ़ाने वाले तरीकों को अपनाकर सिर्फ 1 दिन में इम्यूनिटी नहीं बढ़ेगी, बल्कि इसके लिए आपको सभी कारक जैसे हेल्दी लाइफ स्टाइल, हेल्दी डाइट, विटामिन सी वाले फूड, पर्याप्त नींद आदि पर भी ध्यान देना होगा. इसलिए आज हम कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तरीके बता रहे हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने और स्वस्थ रहने में काफी मदद कर सकते हैं. इन तरीकों को रोजमर्रा की लाइफ में फॉलो करें.

हर्बल चाय (Herbal tea)



किचिन में मौजूद औषधि, जड़ी-बूटी और मसालों से बनी हर्बल चाय काफी फायदेमंद होती है. इसलिए रेगुलर चाय की अपेक्षा इसका सेवन करें. दरअसल, जड़ी-बूटियां और मसाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं, जो कि इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं और सर्दी और फ्लू को भी रोक सकते हैं. हर्बल चाय बनाने के लिए तुलसी, लौंग, अदरक, इलायची और अन्य जड़ी-बूटी एवं मसालों से बनी हर्बल टी का दिन में 2 बार सेवन करें.

गर्म पानी के साथ च्यवनप्राश (Chyawanprash with hot water)
सर्दियों में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है इस कारण इस मौसम में इम्यूनिटी का मजबूत करने के लिए सभी लोग विभिन्न तरीके आजमाते हैं. इस मौसम में च्यवनप्राश का सेवन भी काफी अधिक किया जाता है, क्योंकि यह आंवला और कई जड़ी-बूटियों से बनता है. आंवला विटामिन सी का काफी अच्छा सोर्स होता है इसलिए गर्म पानी के साथ च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं. 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच च्यवनप्राश को डालकर दिन में 2-3 बार पी सकते हैं. अगर पानी में मिलाकर पीना अच्छा नहीं लगे तो बिना पानी मिलाए भी च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं.

प्राणायाम (Pranayama)
सर्दी, फ्लू और COVID-19 आदि से शरीर के सभी भागों में गैसों का आदान-प्रदान करने वाले श्वसन तंत्र यानी सांस संबंधी अंगों में संक्रमण हो जाता है. इन बीमारियों से संक्रमित करने वाला वायरस फेफड़ों पर हमला करता है. हालांकि पिछले वैरिएंट के मुकाबले कोरोना का नया वैरिएंट फेफड़ों पर हमला नहीं कर रहा है, लेकिन फिर भी ओमिक्रॉन के लक्षणों में सर्दी, खांसी, गले में खराश के मरीज सामने आ रहे हैं. इसलिए श्वसन तंत्र को मजबूत करने के लिए प्राणायाम भी सबसे अच्छा तरीका है. कपालभाति और भस्त्रिका ऐसे 2 सांस लेने वाले प्राणायाम हैं, जो फेफड़ों को साफ करने और इम्यून सिस्टम को एक्टिव करने में मदद कर सकते हैं.

नस्य चिकित्सा (Nasya therapy)
नस्य चिकित्सा संक्रमण पैदा करने वाले वायरस और बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश को रोकने की तकनीक है, जिसमें नथुने में घी, तिल के तेल या नारियल के तेल की कुछ बूंदें लगाई जाती हैं. यह थेरेपी बंद नाक को खोलने के लिए एक आयुर्वेदिक उपाय है. इसके लिए घर से बाहर निकलने से पहले या नहाने से ठीक पहले इस थेरेपी को करना काफी सही होता है. इसके लिए 2 बूंद घी या तेल नाक में डालें और उसके बाद थोड़ी देर के लिए लेट जाएं.

हल्दी वाला दूध (Turmeric milk)
हल्दी वाला दूध सबसे अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर है. यह संक्रामक रोगों से तो बचाता ही है, साथ ही साथ यह शरीर की सूजन को भी कम करता है. हल्दी में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मस्तिष्क कोशिकाओं के विकास को भी बढ़ावा देते हैं. हल्दी वाला दूध बनाने के लिए 150 मिलीलीटर गर्म दूध में या आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालें और उसे उबाल लें. ठंडा होने पर उसका सेवन करें. रात में सोने से पहले इसका सेवन काफी अच्छा माना जाता है.

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