इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद अब तकनीक के सहारे अपराधों पर नियंत्रण और स्टाफ को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद चल रही है। इसी कड़ी में लसूडिय़ा थाने से पुलिस एक नया प्रयोग शुरू कर रही है। यहां क्षेत्र में 50 स्थानों पर क्यूआर कोड लगाया जा रहा है। बीट के हर आरक्षक को यहां जाकर उसे स्कैन करना होगा, तब उसकी हाजिरी दर्ज होगी। वहीं इसको स्कैन करने पर जनता को तुरंत पुलिस के नंबर उपलब्ध होंगे।
बल की कमी दूर करने के लिए पुलिस कई सालों से कम्युनिटी पुलिसिंग का उपयोग कर रही है और नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों का सहयोग ले रही है। वहीं जनसहयोग से कैमरे लगवाए जा रहे हैं, ताकि अपराधों पर नियंत्रण हो सके और यदि घटना हो जाती है तो आरोपियों को पकड़ा जा सके। अब इस कड़ी में पुलिस एक और प्रयोग करने जा रही है। डीसीपी संपत उपाध्याय और एडीसीपी राजेश व्यास ने कुछ दिन पहले लसूडिय़ा थाने का निरीक्षण किया और सौ से अधिक स्पॉट चिह्नित किए, जहां अपराध होते हैं।
इस क्षेत्र में पुलिस की पहुंच बढ़ाने के लिए इनमें से 50 स्पॉट पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। बीट के आरक्षक को इस क्षेत्र में रोजाना जाना होगा और वहां लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। इसके बाद ही उसकी हाजिरी लगेगी। वहीं जनता को क्यूआर कोड स्कैन करने पर पुलिस अधिकारियों के नंबर और सहायता तुरंत उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए काम शुरू हो गया है। उनका कहना है कि यह प्रयोग सफल रहता है तो बाकी के थानों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी।
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