Delhi :14 सितंबर यानि कल से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है, लेकिन इससे एक दिन पहले कोई सर्वदलीय बैठक नहीं होगी। इसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला और विपक्ष के बीच बढ़ते मतभेदों के संकेत के रुप में देखा जा रहा है। ऐसा पिछले दो दशकों में पहली बार हो रहा है।
मानसून सत्र एक अक्तूबर को खत्म होगा, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने एजेंडा पर चर्चा करने के लिए बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक बुलाई है। आज की बैठक में प्रश्नकाल को खत्म करना और शून्यकाल की कटौती करने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
प्रश्नकाल ना कराने के फैसले पर सरकार अड़ी हुई है, सरकार के इस फैसले से विपक्ष के सांसदों में नाराजगी बढ़ रही है। संसद में विपक्षी पार्टियां भारत-चीन विवाद, अर्थव्यवस्था में गिरावट और महामारी से निपटने के लिए सरकार के कार्यों पर सवाल पूछने की उम्मीद लेकर बैठी हैं।
आज बैठक में सरकार को यह तय करना है कि क्या बिना मतदान के इन छोटी अवधि की चर्चाओं के लिए सहमति होगी। साल 2017 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सरकार ने डोकलाम पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के एलान के बाद मार्च में ही संसद को स्थगित कर दिया था।
चीनी सेना के साथ झड़प में मारे गए 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद ये पहला मानसून सत्र है। सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा से बचना मुश्किल हो सकता है।
सत्र शुरू होने से पहले सभी सांसदों को कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए कहा गया है। इस सत्र में लोकसभा और राज्यसभा दोनों अलग-अलग शिफ्ट में काम करेंगी और सत्र के दौरान सांसदों के लिए बैठने की विशेष व्यवस्था की जाएगी। पहले दिन लोकसभा सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और एक अक्तूबर तक दोपहर तीन से सात बजे तक बैठेगी।
इसके अलावा राज्यसभा में कार्यवाही पहले दिन दोपहर तीन बजे से सात बजे तक और बाकी दिनों सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। हफ्ते के अंत में ही संसद की कार्यवाही की जाएगी।
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