ब्‍लॉगर

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

किस चर्बी की बात कर गए पटवारी
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी पिछले सप्ताह विधायक कुणाल चौधरी और अपने मित्र जय हार्डिया तथा परिवार के साथ केदारनाथ के दर्शन करने गए। मीडिया में आगे रहने वाले पटवारी यहां से भी अपने आपको लाइव कर गए। उन्होंने वीडियो में यह तो कहा कि भगवान केदारनाथ सबका कल्याण करें और सभी के लिए प्रार्थना भी की। आखिर में बोलने लगे कि मेरे दिमाग पर किसी प्रकार की चर्बी न चढ़े। इस चर्बी शब्द के ही कई मायने निकाले जा रहे हैं। अब पटवारी खुद को किस चर्बी से बचाने की बात कह रहे हैं ये वे खुद ही जानें। वैसे उन पर प्रदेश अध्यक्ष बनने का भूत भी सवार हो चुका है।
बोरिया-बिस्तर बांधकर तैयार थे
अरुण यादव का खंडवा से टिकट नहीं होने के कारण उनके इंदौरी समर्थक बेगार हो गए हैं। वे बोरिया-बिस्तर बांधकर बैठे थे और अपने-अपने लोगों से कह रहे थे कि भिया के लिए प्रचार करने खंडवा चलना है, लेकिन कांग्रेस ने यहां से टिकट ही किसी दूसरे को दे दिया। अब समर्थक कह रहे हैं कि जब भिया ही चुनाव ही नहीं लड़ रहे हैं तो वे वहां जाकर क्या करेंगे? इससे साफ जाहिर हो रहा है कि यादव समर्थकों की भक्ति केवल अरुण यादव में ही थी, कांग्रेस में नहीं। इसलिए कई जगह कहा जाता है कि कांग्रेस में पार्टी के प्रति निष्ठा कम, स्वामीभक्ति ज्यादा होती है।


this is politics dear

प्रभारी बन गए, काम ही नहीं मालूम
भाजपा ने 20 दिन तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मनाया और अलग-अलग कार्यक्रम रखे। एक कार्यक्रम था प्रधानमंत्री को देश-विदेश से मिले मोमेंटो की नीलामी का, जिसमें इंदौर से रामदास गर्ग को प्रभारी बनाया था, लेकिन न तो वे इसका प्रचार-प्रसार कर पाए और न ही लोगों को बता पाए कि मोमेंटो खरीदना है। जब भी उनसे पूछ तो बोलते रहे कि सारी जानकारी पार्टी कार्यालय पर रहती है। गर्ग की इसी लापरवाही को लेकर उनके विरोधी नेता पार्टी के बड़े नेताओं को बता रहे हैं कि वे कुछ करते नहीं और जब फोटो खिंचाना होता है तो पहला चेहरा उनका होता है।
छोटू को सिखा रहे राजनीति के गुर
हर पिता चाहता है कि उसका बेटा भी समय रहते पैरों पर खड़ा हो जाए। राजनीति में भी यही फार्मूला लागू होता है। इसी को लेकर कई नेताओं ने अपने बेटों को आगे कर रखा है। सुदर्शन गुप्ता भी अपने छोटे बेटे शुभम को तैयार कर रहे हैं, क्योंकि बड़े को तो उन्होंने कंस्ट्रक्शन लाइन में डाल दिया है। युवा मोर्चा में उन्हें सक्रिय कर दिया है और अब पद दिलाने की तैयारी है। वैसे शुभम नेता पुत्र हैं ही। अगर मोर्चा में किसी बड़ी पोस्ट पर आ जाएं तो आश्चर्य मत करना। सक्रियता इसलिए है कि कहीं कोई उंगली न उठाए कि नेता पुत्र को पद दे दिया।

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