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Russia के लिए यूक्रेन से भिड़ने वाला वैगनर करना चाहता था तख्तापलट, जानें टकराव की वजह?

मास्को (moscow)। रूस में तख्तापलट (Russia marched) के आरोप लगने और विद्रोह का केस दर्ज होने से पहले प्राइवेट मिलिट्री कंपनी (Private Military Company) वैगनर (Wagner group) यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) की कई मुश्किल लेकिन अहम लड़ाइयां रूस के लिए जीत चुकी है। इस साल के शुरू में जब रूस को कई मोर्चों से पीछे धकेले जाने की खबरें आ रही थीं, उसी समय वैगनर ग्रुप के प्राइवेट सैनिक यूक्रेन के सोलेडार और बाखमुत जैसे इलाकों पर कब्जा कर अपना लोहा मनवा रहे थे।

इस जीत ने वैगनर ग्रुप को युद्ध में ज्यादा मुखर बना दिया, वे रूसी सेना से आगे रहकर लड़ने लगे। लेकिन रूस ने जीत का श्रेय उन्हें नहीं दिया। जवाब में येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने रक्षा मंत्रालय और सैन्य अफसरों के खिलाफ आलोचनात्मक बयान देने शुरू कर दिए। ऐसी खुली आलोचना रूस में सामान्यत: स्वीकारी नहीं जाती।


येवगेनी ने आरोप लगाया कि सोलेडार जीत के लिए वैगनर ग्रुप को श्रेय मिलना चाहिए, लेकिन रूस रक्षा मंत्रालय इसे छीन रहा है। अगले ही महीने उन्होंने नया आरोप लगाया कि रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु उनके सैनिकों को गोला-बारूद और रसद नहीं भेज रहे हैं। फिर तो हालात लगातार बिगड़ते गए। मई में येवगेनी ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें वे बड़ी संख्या में मृत सैनिकों के शवों के बीच खड़े होकर रूस को धमका रहे थे कि उसके द्वारा गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं करने से हजारों सैनिक मर रहे हैं। उन्होंने बाखमुत से अपने सैनिक हटाने की धमकी भी दी। इसी बाखमुत की जीत बड़ी संख्या में वैगनर सैनिकों की मौत के बाद हासिल हुई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी के अनुसार रूस के करीब 1 लाख सैनिक अब तक यूक्रेन युद्ध में मारे गए, इनमें से आधे प्राइवेट सेनाओं के थे।

रक्षा मंत्री से इसलिए खफा हुए वैगनर प्रमुख
येवगेनी ने रक्षामंत्री सर्गेई और सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव पर भी खुला हमला बोला। कहा, उनमें युद्ध जीतने की क्षमता नहीं है। वे मोटी बिल्लियों की तरह अपने भव्य ऑफिसों में बैठे हैं, जबकि हजारों वैगनर सैनिक मर रहे हैं। इसी महीने के शुरू में येवगेनी ने बयान दिया कि बाखमुत से निकल रहे उनके सैनिकों को रूसी रक्षा मंत्रालय मारना चाहता है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने 11 जून को आदेश दिया कि वैगनर ग्रुप और अन्य प्राइवेट सेनाओं के सैनिकों को रूसी सेना में शामिल किया जाएगा, इसके लिए सभी को जून के आखिर तक समझौता करना ही होगा। येवगेनी ने साफ विरोध में कहा, हम ऐसा कोई समझौता नहीं करेंगे। इसका बहिष्कार होगा।

आदेश को रक्षा मंत्रालय द्वारा यूक्रेन युद्ध पर पूर्ण नियंत्रण पाने की कोशिश की तरह देखा गया…23 जून को येवगेनी ने दावा किया कि रूसी सेना ने वैगनर के प्रशिक्षण शिविर पर हमला कर बड़ी संख्या में सैनिक मार दिए हैं।

येवगेनी ने की बदला लेने की घोषणा…वैगनर सैनिकों यूक्रेन में कब्जा किए क्षेत्रों से रूस में घुसे और दक्षिणी सीमा पर स्थित रूसी शहर रोस्तोव को नियंत्रण में ले लिया।

फिर बिगड़ गई बात

वैगनर सेना यूक्रेन और नाटो देशों के खिलाफ शुरू हुए युद्ध में रूसी सेना की पैरामिलिट्री के तौर पर सेवा देने के लिए जानी जाती है। लेकिन इस युद्ध की शुरुआत से ही देखा गया कि रूस को जिस आक्रामकता से यूक्रेन पर हमले करने थे या विरोधियों का जवाब देना था वह नहीं दे पाया। रूस के रक्षात्मक मुद्रा में आने के दौरान रूसी सेना ने इस लड़ाई में काफी नुकसान उठाया। रूस के लिए बनते यही विपरीत हालात विद्रोह का कारण बने।

5 हजार से 50 हजार सैनिकों तक पहुंचे
2014 में अस्तित्व में आने के बाद 2017 तक वैगनर ग्रुप में सैनिकों की संख्या करीब 5 हजार थी। फंडिंग महज 31 लाख डॉलर थी। तब सैनिकों को सूडान, लीबिया, मोजांबिक, मेडागास्कर में तैनात किया गया। 2019 तक 20 देशों में ग्रुप की मौजूदगी थी। जनवरी 2023 तक वैगनर के 50 हजार सैनिक यूक्रेन में लड़ रहे थे। 80 प्रतिशत सैनिक जेलों से लाए गए।

बाइडन ने जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन से की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के राष्ट्र प्रमुखों से रूस के ताजा घटनाक्रम पर बात की है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने समूह 7 के सदस्य देशों के अपने समकक्षों से बातचीत की है। वहीं, ब्रिटेन ने अपने देश के यात्रियों को पूरे रूस में अशांति की चेतावनी दी है।

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