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Indian Constitution Day: भारतीय संविधान की 15 खास बातें जो हर देशवासी को जाननी चाहिए

नई दिल्ली: आज संविधान दिवस (Samvidhan Divas) है. हर साल 26 नवंबर को पूरा देश संविधान दिवस के रूप में मनाता है. भारत का संविधान (Constitution of India) 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. लेकिन 26 नवंबर 1949 को पहली बार इसे औपचारिक रूप से अपनाया गया था. इसलिए 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी जाना जाता है. इस आर्टिकल में हम आपको भारत के संविधान की ऐसी 15 खास बातें बता रहे हैं, जो एक भारतीय होने के नाते हमें जरूर जाननी चाहिए.

Facts about Constitution of India: भारतीय संविधान की खास बातें

1. मूल रूप से भारत का संविधान हिन्दी और अंग्रेजी दो भाषाओं में लिखा गया था.
2. भारतीय संविधान को बनने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था.
3. भारतीय संविधान के अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं.
4. भारतीय संविधान की मूल कॉपी हाथ से लिखी गयी यानी handwritten है. भारतय संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा (भारतीय कैलीग्राफर) ने इटैलिक स्टाइल राइटिंग में लिखा है.
5. भारतीय संविधान का हर पेज शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सुसज्जित किया गया है.
6. भारतीय संविधान की मूल कॉपी भारत के संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में हीलियम गैस से भरे शीशे के बॉक्स में बेहद सुरक्षा के साथ अनुकूल वातावरण में रखी गई है.


7. अंतिम रूप मिलने से पहले भारतीय संविधान के पहले ड्राफ्ट में करीब 2000 संशोधन किये गये थे.
8. भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble of Indian Constitution) में दो शब्द सेक्युलर (Secular) और सोशलिस्ट (Socialist) 1976 में आपातकाल के दौरान जोड़े गये थे.
9. भारतीय संविधान में 25 भागों में कुल 470 अनुच्छेद (Articles), 12 शेड्यूल हैं.
10. भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान (Longest Constitution in World) है.
11. भारतीय संविधान का जनक (Father of Indian Constitution) डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) को कहा जाता है. वह राज्यपाल को ज्यादा शक्ति प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन करने के पक्षधर थे. इसपर हो रही बहस के दौरान डॉ. आंबेडकर ने यहां तक कह दिया था कि ‘मैं इस संविधान को जलाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. मैं ऐसा चाहता नहीं.’


12. भारत के संविधान को ‘Bag of Borrowings’ भी कहा जाता है. क्योंकि इसके ज्यादातर प्रावधान अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, सोवियत संघ, आयरलैंड समेत अन्य देशों के संविधानों से प्रेरित हैं.
13. भारतीय संविधान सभा में कुल 284 सदस्य थे, जिनमें से 15 महिलाएं थीं.
14. भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित है. दोनों ‘We the people’ से शुरू होती हैं.
15. भारत के संविधान की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में होती है. 1950 से अब तक इसमें 105 संशोधन किये गये हैं.

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