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मैं भगोड़ा नहीं… मेहुल चोकसी ने बताई इंडिया नहीं लौट पाने की वजह

नई दिल्ली: देश छोड़कर जा चुके हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का शुक्रवार को बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि उन्हें ‘भगोड़ा’ नहीं कहा जा सकता है, वह भारत आने के इच्छुक हैं, लेकिन कई कारणों की वजह से इंडिया नहीं लौट पा रहे हैं. इसमें एक बड़ी वजह उनका पासपोर्ट सस्पेंड हो जाना है. मेहुल चोकसी ने ये बातें अपने वकील के माध्यम से मुंबई की एक विशेष अदालत में कही हैं.

मेहुल चोकसी भारत में एक वांछित आर्थिक अपराधी हैं. उनके ऊपर अपने भांजे और गीतांजलि के फाउंडर नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ 13,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम देने के आरोप हैं. नीरव मोदी भी इस समय लंदन में हैं और वहां भारत प्रत्यपर्ण के मामले में कोर्ट की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.

मेहुल चोकसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत में कहा कि उसने आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए भारत नहीं छोड़ा है. न ही वह देश लौटने से इनकार कर रहा है. उसने कहा कि उसका पासपोर्ट भारतीय अधिकारियों ने सस्पेंड कर दिया है, इसलिए वह भारत नहीं लौट पा रहा है. इसलिए उसे ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित नहीं किया जा सकता है.


मेहुल चोकसी ने कोर्ट में एक याचिका दायर उसके पासपोर्ट सस्पेंशन से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं. वहीं उसके खिलाफ चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच से संबंधित पेपर्स को भी तलब करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कोर्ट से कहा है कि उनके क्लाइंट के खिलाफ मौजूदा कार्यवाही उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित करने की ईडी की याचिका से संबंधित है. इसलिए मामले में निष्पक्ष फैसले के लिए इससे जुड़े दस्तावेजों को तलब करने की जरूरत है.

देश में किसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने से जुड़ा एक स्पष्ट कानून है. इसका नाम भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 है. इसके मुताबिक किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी तब घोषित किया जा सकता है जिसके खिलाफ भारत की अदालत ने एक शेड्यूल्ड अपराध पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया हो. उसने आपराधिक मुकदमे से बचने के लिए भारत छोड़ दिया हो या आपराधिक मुकदमे का सामना करने से बचने के लिए देश नहीं लौट रहा हो.

मेहुल चोकसी के वकील का कहना है कि ईडी के आवेदन से पता चलता है कि चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए दोनों में से कोई भी शर्त पूरी नहीं लागू होती है. मेहुल चोकसी ने दावा किया कि फरवरी 2018 में जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए उसके खिलाफ जारी समन का जवाब उसने ईडी को दिया था. उसने कहा था कि वह भारत लौटने में असमर्थ हैं क्योंकि उसका पासपोर्ट भारतीय अधिकारियों द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है.

उसने अपनी याचिका में पासपोर्ट कार्यालय से जारी हुआ एक नोटिस भी शेयर किया है. मेहुल चोकसी की याचिका पर मामले की सुनवाई कर रही पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने ईडी से जवाब तलब किया है. मामले की सुनवाई तीन जून तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

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