व्‍यापार

कंपनी या कारोबारी को ज्यादा आईटीसी के दावे की अब बतानी होगी वजह, बैठक में हो सकता है फैसला

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद एक नया नियम लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत कंपनी या कारोबारी को अधिक इनपुट कर क्रेडिट (ITC) के दावे का कारण बताना होगा। साथ ही अतिरिक्त राशि सरकारी खजाने में जमा करानी होगी।

विधि समिति का विचार है कि सेल्फ जेनरेटेड आईटीसी व जीएसटीआर-3बी रिटर्न में दायर आईटीसी में बहुत अंतर मिलने पर जीएसटी में पंजीकृत व्यक्ति को इसके बारे में बताना होगा या अतिरिक्त आईटीसी को ब्याज के साथ लौटाना होगा। जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी में घोषित टैक्स देनदारी में अंतर 25 लाख रुपये या 20 फीसदी की तय सीमा से अधिक है, वहां कारोबारियों को इसकी वजह बताने या शेष कर को जमा कराने के लिए कहा जाएगा। जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में समिति की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।


ओएनडीसी : जारी होगा स्पष्टीकरण
जीएसटी परिषद ओएनडीसी के जरिये ई-कॉमर्स कारोबार करने वाले आपूर्तिकर्ताओं पर स्रोत पर कर संग्रह (TCS) की देनदारी पर स्पष्टीकरण जारी करेगी। ऐसे आपूर्तिकर्ताओं पर परिषद स्पष्टीकरण जारी करेगी, जहां एक लेनदेन में कई परिचालक शामिल हैं।

फर्जी चालान पर लगाम लगाने का है उद्देश्य
पंजीकृत व्यक्ति को जीएसटीआर-1 का मासिक विवरण भरने की अनुमति तब तक नहीं दी जानी चाहिए, जब तक उसने अधिकारी को गड़बड़ियों के बारे में संतुष्ट न कर दिया हो या अतिरिक्त आईटीसी दावे को लौटा न दिया हो। इसका उद्देश्य फर्जी चालान पर अंकुश लगाना है। वस्तुओं-सेवाओं की सही आपूर्ति के बिना आईटीसी का लाभ उठाने को इसका इस्तेमाल होता है।

Share:

Next Post

पाकिस्तान में भारी बारिश से आफत, अब तक 76 की मौत; लाहौर में 30 साल का रिकॉर्ड टूटा

Mon Jul 10 , 2023
इस्लामाबाद। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ ने आर्थिक रूप से खस्ताहाल पाकिस्तान के हालात और खराब कर दिए हैं। भारी बारिश के कारण देश में अब तक कम से कम 76 लोगों की मौत और 133 घायल हो चुके हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के हवाले से एआरवाई ने अपनी रिपोर्ट में बताया […]