भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

बुंदेली बौछार को इंडिया के 11 वें बेस्ट मीडिया स्टार्टअप का खिताब मिला

बस इतनी सी बात में हमारा तार्रुफ़ तमाम होता है,
हम उस रास्ते नहीं जाते जो रास्ता आम होता है।

ये शेर नोजवान सहाफी (पत्रकार) सचिन चौधरी के किरदार पे एकदम माफि़क़ बैठता है। महज 18 बरस की सहाफत में सचिन ने उस मंसूबे को पूरा कर लिया जिसकी चाहत में लोग पूरी उम्र लगा देते हैं। इनकी इस टेग लाइन से तो आप मानूस होंगे- भज्जा और बिन्ना हरों हमे तो आप चीनतई हुइयो… हमाओ नाम है सचिन चौधरी और आप देख रय हैं…बुंदेली बौछार। बुंदेली बोली को दुनिया भर में अनूठी पेचान देने में दिलोजान से लगे हुए मियां खां के न्यूज़ चेनल ने इतिहास बना दिया हेगा। येई कोई पोन चार बरस पेले दस हज़ार रूपट्टी के पुराने मोबाइल से बुंदेली ज़ुबान में इंन्ने जब बुंदेली बौछार की इब्तिदा डिजिटल प्लेटफारम पे करी तो भोत सारों ने फि़कऱे कसते हुए के दिया था के खां कां लगे हो…कजान कित्ते आये और कित्ते गए। बाकी ये धुन का पक्का बन्दा अपनी मंजि़ल पाने की सिम्त अकेला ही चलता रहा। और आज इनका चेनल किसी परिचय का मोहताज नहीं है। ये लाइने पढ़ते हुए आपको भी भोत खुशी होएगी के इस महीने बुंदेली बौछार ने दो रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं। एक तो बुंदेली बौछार का डिजिटल कुनबा अब 10 लाख के पार हो गिया हेगा। गोया के बुंदेली बौछार के फेसबुक पे 7 लाख फॉलोअर हैं और यूट्यूब पे 3 लाख सब्सक्राइबर हो गए हैं।



दूसरा भोत बड़ा तमगा ये मिला है के दिल्ली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कंम्यूनिकेशन (आईआईएमसी) की मुअजि़्जज़़ मैगज़ीन बेटन ने इस दफे हिंदुस्तान के जिन बेस्ट 30 मीडिया स्टार्टअप की लिस्ट जारी करी हेगी उसमे बुंदेली बौछार को 11 वां नंबर मिला है। मुल्क के इस सबसे बड़े इदारे की इस मैगज़ीन में सचिन को जो कामयाबी मिली है उसमें लल्लनटॉप, आजतक डिजिटल जैसे जानेमाने चेनल शामिल हैं। सचिन बताते हैं के 19 बरस पेले इन्ने आईआईएमसी में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम दिया था…बाकी उसमे ये पास नहीं हो सके थे। आज इत्ते बरस बाद उसी इंस्टीट्यूट की मैगज़ीन में इनका 4 पेज का इंटरव्यू छपा है। मुल्क में मीडिया स्टार्टअप में 11 वां मुकाम भी उसी इंस्टीट्यूट ने दिया जहां जाने का इनका ख्वाब रहा था। बुन्देलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से सहाफत की डिग्री लेके निकले सचिन ने सहाफत में भोत पापड़ बेले। इंन्ने अमर उजाला डीएलए, राइजिंग बुंदेलखंड की एडिटरी के अलावा ईटीवी, स्टार न्यूज़, एबीपी न्यूज़ में लपक काम किया। बाकी इनके दिल मे बुंदेली ज़बान में अपना ही कोई चेनल शुरु करने की तमन्ना थी। लिहाज़ा 2018 में बुंदेली बौछार एक पुराने से मोबाइल से शुरु किया। पहले अकेले थे। अब पूरा कारवां इनके साथ है। अरेरा कालोनी में इनके खुद के फ्लैट में बुंदेली बौछार का जानदार आफिस और स्टूडियो है। दस बारह बंदे वहां काम करते हैं। इनका भोत हाईटेक नेटवर्क है। ठेठ बुंदेली ज़ुबान में खबरों की पेशकश पूरी दुनिया मे पसंद की जा रही है। सचिन के मुताबिक बुंदेली ज़ुबान की जो छवि फिल्मो या लोकगीतों में है उससे हटकर खबरों की संजीदा पेशकश इस बोली में करने का बहुत अच्छा रिस्पांस हमे मिल रहा है। इनका कॉन्सेप्ट बुंदेलखंड न हो कर बुंदेली है। इसे गैर बुंदेली ऑडिएंस भी बहुत पसंद कर रही है। दस लाख वियुअर्स के आंकड़े को छूने पे इनका इनका दावा है कि मध्यप्रदेश के बुन्देलखंड में बुंदेली ज़बान में किसी मीडिया पर्सन की जानिब से शुरु किये गए मीडिया फार्मेट में डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म का ये सबसे बड़ा आंकड़ा है। तो सचिन भज्जा तुमाए लाने इत्ती बड़ी कामयाबी हासिल करने पे बहुतई बधाई। आंगे और बी रिकॉर्ड बनाओ सूरमा जेई दुआ कर रओ।

Share:

Next Post

अफसरों की कमी से लडख़ड़ाया राजस्व विभाग

Tue Aug 9 , 2022
राजस्व संबंधी शिकायतों के निराकरण की गति पड़ी धीमी भोपाल। प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों की कमी का खामियाजा कई विभागों को उठाना पड़ रहा है। सबसे अधिक असर राजस्व विभाग पर पड़ रहा है। प्रदेश में राजस्व संबंधी शिकायतों की पेंडेंसी लगातार बढ़ रही है। पेंडेंसी अब तक बढ़कर 10 लाख से अधिक हो गई है। […]