इंदौर न्यूज़ (Indore News)

25 को धूलेंडी तो 30 को रंगपंचमी, होली उत्सव शुरू

  • खजराना गणेश मंदिर में भी होगा विशेष शृंगार, गेर आयोजकों को भी दो टूक चेतावनी, हुड़दंगियों पर करेंगे सख्ती

इंदौर। रंग, गुलाल और मस्ती का होली उत्सव शहर में शुरू हो गया है। विभिन्न संस्थाओं, क्लबों और संगठनों में फाग उत्सव के साथ होली खेली जाने लगी है। 24 की शाम को होलिका दहन के बाद 25 को धुलेंडी मनेगी, तो 30 मार्च को परम्परागत गेर निकलेगी और रंगपंचमी का हल्ला रहेगा। हालांकि चुनावी आचार संहिता के चलते इस बार निकलने वाली गेर में भी राजननेता ज्यादा सराफा शामिल नहीं हो पाएंगे। दूसरी तरफ खजराना गणेश मंदिर में भी इस अवसर पर विशेष श्रंृगार किया जाएगा।

गणेश जी भी होली के दिन होली के रंग में रंगे नजर आएंगे। इस दिन भगवान गणेश जी को शक्कर पारे मिठाईयों और विशेष प्रकार की गुजिया का भोग लगाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश जी को हर्बल रंग गुलाल आदि भी लगाए जाएंगे और भक्तजन आपस में फूलों और हर्बल गुलाल की होली खेलेंगे। मंदिर के पुजारी पुनीत भट्ट ने बताया कि 24 मार्च को होली के दिन परंपरा अनुसार खजराना गणेश मंदिर में रात्रि 8 बजे होली खेली जाएगी। दूसरी तरफ हुड़दंगियों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। वैसे भी आचार संहिता लगी है, तो सारे अधिकार अब नेताओं के बजाय अधिकारियों के पास ही हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने गेर आयोजकों से कहा कि वे अपनी-अपनी गेर निर्धारित समय के साथ तय क्रम से ही निकाले। पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने कहा कि गेर के दौरान सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध रहेंगे। सीसीटीवी और वीडियों कैमरों के माध्यम से सतत निगरानी रखी जायेगी।

गोबर की बनने लगीं लकडिय़ां… 10 हजार कंडों और लकडिय़ों से होगा दहन
पलासिया सेल्फी पॉइंट पर इस साल अनूठा होलिका दहन होने जा रहा है। इस होलिका दहन की दो सबसे खास बातें हैं। पहली इस होलिका का गोबर से बनी 5 हजार लकडिय़ों और 5 हजार गोबर के कंडों से दहन किया जाएगा। दूसरी खास बात ये है कि इस होलिका दहन में होलिका, भक्त प्रहलाद और भगवान विष्णु के कटआउट लगाए जाएंगे। होलिका दहन से पहले यहां भजन संध्या का आयोजन भी होगा।

पलासिया सेल्फी पॉइंट पर इस साल से कई धार्मिक आयोजन शुरू हुए हैं। इसी कड़ी में साकेत ना गरबा इस साल होलिका दहन का आयोजन कर रहा है। पर्यावरण बचाने का संदेश देती इस होलिका दहन के लिए खासतौर पर सनावद की एक गौशाला में गिर गाय के गोबर से 5 हजार गोबर की लकडिय़ां (गौ काष्ठ) तैयार करवाई गई हैं, साथ ही छोटा बांगड़दा से 5 हजार कंडे लाए जा रहे हैं, जो होलिका के बेस का काम करेंगे। इस बेस पर गोबर से तैयार इन लकडिय़ों को रखा जाएगा। इसी से 14 फीट (गोलाई) और 12 फीट (ऊंची) होलिका का दहन किया जाएगा। 24 की रात 11.15 बजे होलिका दहन होगा, उससे पहले यहां शहर के कई भजन गायक भजन संध्या में सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देंगे।

युवाओं और बच्चों को संस्कृति से जोडऩे का प्रयास
नीरज याग्निक ने बताया कि बच्चों और युवाओं को होलिका दहन के पीछे का महत्व बताने के लिए हम इस बार होलिका दहन को इस तरह करने की कोशिश कर रहे हैं कि वो लाइव लगे। होलिका के साथ ही भक्त प्रहलाद और भगवान विष्णु के कटआउट तैयार किए जा रहे हैं। भगवान विष्णु का कटआउट होलिका से 40 फीट ऊंचाई पर लगाया जाएगा। ये कटआउट होलिका दहन में होलिका की गोद में बैठे भक्त प्रहलाद को ऊपर की ओर खींचेगा। भक्त प्रहलाद के कटआउट को एल्यूमिनियम शीट से तैयार करवाया जा रहा है, ताकि वो जले नहीं। याग्निक के अनुसार, बच्चे और युवा इससे होलिका दहन के पीछे के महत्व को जान सकेंगे।

कई जगह कंडों से होली का दहन
शहर के कई क्षेत्र में अब गोबर से बनीं लकडिय़ों और कंडों से होलिका का दहन हो रहा है। पिछले कुछ सालों से पर्यावरण प्रेमी और संस्थाएं लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं। नतीजे कई जगह सकारात्मक हैं। शहर में होलिका दहन से पहले ही कई क्षेत्रों में कंडे बिकते नजर आ रहे हैं।

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