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अगर धरती से गायब हो गए इंसान, तो सालभर बात कैसे होंगे हालात? इस तरह बदल जाएगी हमारी दुनिया!

डेस्क: इंसानों ने जब इस धरती पर राज करना शुरू किया है, तब से उन्होंने अपने अनुसार धरती को बदल लिया है. जानवरों से लेकर पेड़-पौधों तक की दुर्गति हो चुकी है और उन्हें अब छोटे से हिस्सों में सिमटकर रहना पड़ता है. जलवायु परिवर्तन से लेकर ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्याएं सभी इंसानों द्वारा दी गई हैं. पर उन्होंने अपने लिए इतने कमाल के आविष्कार भी किए हैं, कि उससे जानवरों को भी काफी सहूलियत मिली है. ऐसे में सोचिए अगर कभी इंसान अचानक से गायब (What happen if humans get extinct) हो जाएं, तो इस धरती का क्या होगा? आज हम आपको इसकी एक झलक देने जा जा रहे हैं.

द कन्वर्सेशन वेबसाइट में ‘क्यूरिस किड्स’ नाम का एक सेक्शन में है जिसमें छोटे बच्चे अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए सवाल पूछते हैं, जिनका जवाब उस विषय से जुड़े विशेषज्ञ देते हैं. हाल ही में एक 11 साल की बच्ची ने पूछा कि अगर धरती से इंसान विलुप्त हो जाएं, तो अगले एक साल में धरती कैसी हो जाएगी? उसके इस सवाल का उत्तर अमेरिका की आईओवा यूनिवर्सिटी के अर्बन डिजाइन और रीजनल प्लानिंग के प्रोफेसर कार्लटन ने दिया है जो आपको हैरान कर देगा.

एक साल गायब रहने के बाद धरती पर लौटने पर क्या दिखेगा?

एक साल बाद अगर आप धरती पर लौटते हैं, सिर्फ ये देखने के लिए कि उसकी हालत कैसी है, तो आपको देखने के बजाए सुनकर ये अधिक मेहसूस होगा, क्योंकि धरती ज्यादा शांत हो जाएगी. फैक्ट्रियों, गाड़ियों, हवाईजहाजों का शोर नहीं होगा. हवा साफ हो जाएगी. बारिश से सारा, स्मॉग, धूल बैठ जाएगा, और वातावरण साफहो जाएगा.


हमारे घरों में क्या आएंगे बदलाव?

जब आप अपने घर पहुंचेंगे, तो वहां ना ही लाइट होगी और ना ही नलों में पानी आ रहा होगा, क्योंकि वॉटर पंप्स और बिजली के प्लांट्स को चलाने के लिए इंसान नहीं मौजूद होंगे. आपने बगीजों में घास इतनी बड़ी हो जाएगी कि वो और अधिक नहीं बढ़ पाएगी. ढेरों नए पौधे और झाड़ियां उग आएंगी. जब-जब कोई पेड़, बीच गिराएगा, तब-तब एक नया पौधा जन्म ले लेगा. घर धूल से भर जाएगा. हवा में धूल हमेशा रहती है, बस फर्क ये रहता है कि वो हमारे चलने या झाड़ू-पोछा करने से गायब हो जाती है.

सड़कों-इमारतों का क्या होगा?

सड़कों और इमारतों पर भी घास उगने लगेगी. जहां-जहां क्रैक होंगे, वहां पर जमे हुए पानी की वजह से काई जम जाएगी. रातें ज्यादा अंधेरी हो जाएंगी क्योंकि सड़कों को रोशन करने के लिए बिजली नहीं होगी. शहरों में लोमड़ी, बीवर, बंदर आदि खुलेआम घुमेंगे. कुछ समय में भालू, शेर आदि जैसे जीव भी शहरों में भटकने लगेंगे. आकाशीय बिजली गिरने से घरों और पेड़ों में आग लगेगी, पर उन्हें बुझाने वाला कोई नहीं होगा, इस वजह से वो विक्राल रूप ले लेगी, जब तक अपने आप ही ना बुझ जाए. जिन इलाकों में रेडियोएक्टिव वस्तुओं के निर्माण फैक्ट्रियों में होते हैं, वहां विस्फोट होना शुरू हो जाएगा और आसपास की चीजें रेडियोएक्टिव होने की वजह से जानवर, पक्षी मरने शुरू हो जाएंगे. जानवरों की आबादी भी तेजी से बढ़ेगी, क्योंकि उनका शिकार करने के लिए कोई नहीं होगा. हालांकि, ये सब एक साल से ज्यादा वक्त में होगा. वहीं अगर इंसानों के गायब होने के करीब 500 या 1000 साल बाद देखा जाए, तो हमारे शहर भी हड़प्पा-मोहनजोदाड़ों के शहरों जैसे खंडहर ही लगेंगे.

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