बड़ी खबर

तमिलनाडु में 16 अप्रैल को निकलेगा RSS का मार्च, SC के बाद अब पुलिस ने भी दी अनुमति

चेन्नई (Chennai)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) (Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS)) को तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) ने राज्य में 16 अप्रैल को रूट मार्च निकालने की अनुमति दे दी है. मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के इस संबंध में आदेश के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की अपील को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को खारिज होने के बाद पुलिस ने ये अनुमति दी है।

मद्रास हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को आरएसएस को यह कहते हुए मार्च निकालने की अनुमति दी थी कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विरोध आवश्यक है. आरएसएस राज्य में 45 जगहों पर मार्च निकालेगा. उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु पुलिस ने राज्य में 2 अक्टूबर को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद रूट मार्च करने के लिए आरएसएस को अनुमति देने से इनकार कर दिया था।


संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद…
पुलिस ने तब कहा था कि इस्लामवादी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के परिसरों पर एनआईए के छापे और उस संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद राज्य में मार्च निकालने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरएसएस को पूरे तमिलनाडु में रूट मार्च करने की अनुमति देते हुए कहा था कि तमिलनाडु सरकार द्वारा उद्धृत कानून और व्यवस्था के मामलों से पता चलता है कि कई मामलों में, अपराधियों की बजाय आरएसएस के सदस्य पीड़ित थे।

अदालत ने आदेश में कहा…
सुप्रीम कोर्ट के खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था, राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए चार्ट से पता चलता है कि प्रतिवादी संगठन (आरएसएस) के सदस्य उन कई मामलों में पीड़ित थे और वे अपराधी नहीं थे. इसलिए, विद्वान जज द्वारा पारित मुख्य रिट याचिका या समीक्षा याचिका पर दिए गए आदेश में गलती निकालना हमारे लिए संभव नहीं है. इसलिए सभी विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज करने योग्य हैं।

Share:

Next Post

82 की उम्र में मिला न्याय, SC बोला- निगरानी क्षेत्र के हर अपराध के लिए एसपी-कमांडेंट जिम्मेदार नहीं

Fri Apr 14 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि किसी पुलिस अधीक्षक (एसपी) (Superintendent of Police (SP) या सुरक्षा बल के कमांडेंट (Commandant of Security Force) को ठोस आधार के बगैर उसकी निगरानी और नियंत्रण वाले क्षेत्र के हर अपराध या भूल के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह कर्तव्य के निर्वहन […]