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Omicron Variant: इन दो नए लक्षणों के बारे में वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट, दोनों डोज ले चुके लोगों को भी हो रही है दिक्कत

नई दिल्ली। दुनियाभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से फैलता जा रहा है। भारत में भी इसके बढ़ते रफ्तार ने लोगों के लिए एक बार फिर से मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। राजधानी दिल्ली में पिछले दिन कोरोना के 4 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए, जिसको देखते हुए सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।

अध्ययनों में बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन से संक्रमितों में ज्यादातर लक्षण हल्के ही देखे जा रहे हैं, हालांकि संक्रमण से बचाव करते रहना सभी के लिए बहुत आवश्यक है। ओमिक्रॉन को लेकर किए गए अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके संक्रमण के चलते लोगों को खांसी, बुखार, गले में खराश-खरोंच के साथ रात में पसीना आने की दिक्कत हो सकती है। इस बीच एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के पेट से संबंधित कुछ लक्षणों के बारे में बताया है।

जोकोविड ऐप के एक अध्ययन के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट के लक्षणों को हल्का माना जाता है, हालांकि संक्रमितों में कुछ नए लक्षणों के बारे में भी पता चला है। संक्रमितों को मतली और भूख न लगने जैसी दिक्कत भी हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस के ऐसे लक्षण आमतौर पर पहले के वैरिएंट्स में नहीं देखे जा रहे थे। किंग्स कॉलेज लंदन में जेनेटिक एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर के अनुसार, ऐसे लक्षण उन लोगों में अधिक देखे जा रहे हैं जिनको वैक्सीन की दोनों डोज या फिर बूस्टर डोज भी मिल चकी है।


ओमिक्रॉन के क्या लक्षण हैं?
ओमिक्रॉन को लेकर सीडीसी द्वारा किए गए अध्ययनों में खांसी, थकान, बुखार और बंद नाक को संक्रमण का लक्षण बताया गया था। प्रोफेसर टिम स्पेक्टर कहते हैं, कुछ संक्रमितों में सामान्य लक्षणों के साथ मतली, भूख न लगने, गले में खराश और सिरदर्द की समस्या भी देखी जा रही है। जबकि कुछ लोगों को उल्टी की भी दिक्कत हो रही है। हमें इन लक्षणों को भी गंभीरता से लेना चाहिए।

लक्षणों की गंभीरता के मामले कम
प्रारंभिक अध्ययनों में कहा गया है कि ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा वैरिएंट की तुलना में हल्के होते हैं। इसके अलावा संक्रमित लोगों के अस्पतालों में भर्ती होने की आशंका भी कम होती है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक अध्ययन और स्कॉटिश पेपर अर्ली पांडेमिक इवैल्यूएशन एंड एन्हांस्ड सर्विलांस ऑफ कोविड-19 के शोध में कहा गया है कि ओमिक्रॉन संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की आशंका 15-25 फीसदी तक कम देखी जा रही है।

त्वचा पर भी हो सकते हैं कोविड-19 के लक्षण
एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि श्वसन अंगों के साथ त्वचा पर भी कोरोना के कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। कोरोना के कुछ संक्रमितों के त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते, दाने और धब्बों जैसे लक्षण देखे गए हैं। यदि आपमें भी इस तरह के कोई भी लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

लक्षणों को लेकर न हों कन्फ्यूज
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, चूंकि देश में इस समय ठंड का मौसम चल रहा है, ऐसे में सभी लोगों को कॉमन कोल्ड और कोविड-19 के बीच अंतर को अच्छे से समझने की भी जरूरत है, दोनों ही मामलों में कुछ लक्षण समान हो सकते हैं। सीजनल फ्लू में बुखार या ठंड लगने, खांसी आने, सांस की तकलीफ, थकान, गले में खराश, बंद नाक की समस्या, मांसपेशियों या शरीर में दर्द की दिक्कत हो सकती है, कोविड के रोगियों में भी ऐसे ही लक्षण होते हैं। ऐसे में इस समय स्वास्थ्य को लेकर सभी लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

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