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देश में स्पीड के साथ हो रहा वैक्सीनेशन, कई राज्‍यों में स्‍टॉक की कमी

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Vaccine) ने जिस तरह से दूसरी लहर के साथ कहर बरपाया है उसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई भी देश इससे अछूता नहीं है। कई देशों में तो फिर से पूर्ण लॉकडाउन (Full lockdown) लगा हुआ तो कई जगह रात में पूरी तरह से लॉकडाउन है। भारत में भी जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है यह सरकार के लिए चिंता बढ़ती जा रही है, हालांकि देश में कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन (Corona Vaccine) का कार्य युद्ध स्‍तर पर चल रहा है, लेकिन कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) वितरण के मामले में राज्‍य सरकारों ने केन्‍द्र सरकार पर उठाए उठाए है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtraऔर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Health Minister HarshVardhan) के बीच गहमागहमी के बाद केंद्र सरकार(Central Government) ने वैक्सीन(Vaccine) का आवंटन बढ़ा दिया है। राज्य को अब 7.43 लाख की जगह 17.43 वैक्सीन की डोज मिलेगी. इसके साथ ही केरल के लिए भी सप्लाई बढ़ाई गई है। बताया गया कि राज्य को अब 4.74 लाख की जगह 7.74 लाख वैक्सीन डोज मिलेगी।



देश में कोरोना वायरस का प्रकोप हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है। कोरोना से जंग जीतने के लिए वैक्सीनेशन का काम बहुत तेजी से चल रहा है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले डेटा की तुलना करने पर यह बात सामने आई है कि देश में जिस स्पीड से वैक्सीनेशन हो रहा है उसके मुताबिक सिर्फ 5.5 दिनों के लिए वैक्सीन बची है। एक और हफ्ते की अतिरिक्त सप्लाई के लिए वैक्सीन पाइपलाइन में हैं। जिस तरह से कोरोना के मामलों आए दिन बढ़ रहे है यह भी चिन्‍ता क विषय है।

अगर आंध्र प्रदेश और बिहार की बात करें तो यहां का मौजूदा वैक्सीन (Corona Vaccine) स्टॉक दो दिन से भी कम है। वहीं, ओडिशा जैसे राज्यों के पास बड़ी मुश्किल से 4 दिनों का स्टॉक है। स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले इस डेटा का विश्लेषण गुरुवार को दोपहर 12.30 बजे तक प्रत्येक राज्य को भेजी गई टोटल डोज, उनकी ओर से पहले इस्तेमाल की गई डोज, जो डोज पाइपलाइन में हैं और एक अप्रैल से प्रत्येक राज्य की ओर से रोजाना किए जा रहे औसतन वैक्सीनेशन पर आधारित है।

अगर देश की बात करें तो अप्रैल में रोजाना वैक्सीनेशन की दर करीब 3.6 मिलियन डोज प्रतिदिन की रही है। इस हिसाब से वैक्सीन का टोटल स्टॉक 19.6 मिलियन अगले 5.5 दिनों तक ही चल पाएगा। इसके अलावा वैक्सीन की 24.5 मिलियन डोज पाइपलाइन में हैं जो अन्य एक हफ्ते के लिए पर्याप्त होगी।

वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Maharashtra Health Minister Rajesh Tope) ने सवाल किया था कि राज्य को गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों की तुलना में कोविड-19 के कम टीके क्यों दिए जा रहे हैं, जबकि राज्य टीकाकरण अभियान में अग्रणी है और सबसे ज्यादा उपचाराधीन मामले हैं। टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र को हर सप्ताह टीके की 40 लाख खुराकों की जरूरत है और स्पष्ट किया कि टीकाकरण अभियान केंद्र और राज्य के बीच टकराव का मुद्दा नहीं है।



महाराष्ट्र और राजस्थान (Maharashtra and Rajasthan) के बाद, गुजरात (81.47 लाख), उत्तर प्रदेश (78.47 लाख) और पश्चिम बंगाल (70.55 लाख) ने सबसे अधिक टीकाकरण किया है. रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि ‘केंद्र दैनिक उपभोग के आधार पर वैक्सीन स्टॉक आवंटित करता है। लेकिन महाराष्ट्र और राजस्थान दोनों को कम आपूर्ति मिली है।’ महाराष्ट्र के स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा कि हमारी आबादी को ध्यान में रखते हुए, यह (आपूर्ति) बहुत अजीब लग रहा है. ये सभी आपूर्ति 15 अप्रैल के बाद दी जाएगी।

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