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विदेशी मुल्कों से भारत को मिल रही मदद, यूएस से रेमडेसिविर और जर्मनी से आए ऑक्सीजन कंटेनर

 

देश (India) कोरोना (Corona) महामारी की जबरदस्त मार झेल रहा रहा है. कोरोना के बढ़ते मामलों और ऑक्सीजन (Oxygen) व अन्य स्वास्थ्य सामाग्री की कमी के बीच संकट और गहराता जा रहा है. भारत में कोरोना के नए मामले चार लाख का आंकड़ा पार कर गए हैं. ऐसे में विदेशी मुल्कों से भारत में मदद भेजी जा रही है.

इसी कड़ी में अमेरिका (America) की तरफ से भेजे गए रेमडेसिविर (Ramdesvir) की  125000 शीशियां सोमवार को दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पहुंची. इस सप्लाई से रेमडेसिविर की किल्लत से निपटने के लिए थोड़ी मदद जरूर मिलेगी.  उधर, कोरोना वायरस संकट के बीच ऑक्सीज आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना ने पूरी ताकत झोंक दी है.

वहीं भारतीय वायुसेना के सी-17 एयरक्राफ्ट (C-17 Aircraft) ने 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर जर्मनी (Germany) से एयरलिफ्ट कर हिंडन एयरबेस (Hindon Airbase) पर पहुंचाया. इसके अलावा 450 ऑक्सीजन सिलेंडर भी ब्रिटेन से एयरलिफ्ट कर चेन्नई (Chennai) एयरबेस पर पहुंचाया गया. भारतीय वायुसेना ने इस बात की जानकारी दी.


बता दें कि कोरोना संकट के बीच भारतीय नौसेना की जहाजों को विदेशों से ऑक्सीजन टैंकर लाने के लिए स्टैंड बाय मोड पर रखा गया है. गल्फ और साउथ ईस्ट एशियन देशों के करीब भारी क्षमता वाली जहाजों को ऐसे अभियान के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. नेवी सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी.

उधर, भारत सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक चार मई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल समिट होनी है. समिट से पहले ब्रिटेन ने भारत को 1000 और वेंटिलेटर भेजने का फैसला किया है. इससे अस्पताल में भर्ती गंभीर कोरोना मरीजों की तबीयत सुधारने में आसानी होगी.  इससे पहले बीते सप्ताह यूके ने 200 वेंटिलेटर, 495 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स और तीन ऑक्सीजन जेनेरेशन यूनिट  देने का भी ऐलान किया था.

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