नई दिल्ली। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी मोक्षदा एकादशी(Mokshada Ekadashi) कहलाती है। इस साल मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर दिन मंगलवार (Tuesday) का है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं। आज के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मोक्षदा एकादशी के व्रत से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वह यदि इस पुण्य को अपने पितरों (Pitar) को दान कर देता है, तो उनको भी मोक्ष प्राप्त होता है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी के पूजा मुहूर्त एवं व्रत विधि के बारे में।
मोक्षदा एकादशी 2021 पूजा मुहूर्त
मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर को रखा जाएगा। एकादशी तिथि 13 दिसंबर को रात 09:32 बजे से शुरु हो रही है, जो 14 दिसंबर को रात 11:35 बजे तक है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग प्रात: 07:06 बजे से ही बन रहा है, जो पूरे दिन और रात रहेगा।
मोक्षदा एकादशी व्रत एवं पूजा विधि
1. मोक्षदा एकादशी के प्रात: स्नान आदि करके व्रत एवं विष्णु पूजा का संकल्प लेते हैं।
2. इसके बाद भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें। उनका पंचामृत से अभिषेक करें।
3. फिर उनको चंदन(Sandalwood), रोली लगाएं। पीले फूल, वस्त्र, अक्षत्, धूप, दीप, पान, तुलसी पत्र आदि अर्पित करें।
4. भगवान विष्णु को खीर, केला, श्रीफल और केसर भात का भोग लगाएं। इनमें से जो उपलब्ध हो, उसे चढ़ा सकते हैं।
5. उनके लिए एक घी का दीपक जलाएं और उसमें काला या सफेद डाल दें।
6. इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। अब मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें।
7. एकादशी कथा के समापन के बाद भगवान विष्णु की विधिपूर्वक आरती करें। उसके बाद अपनी मनोकामना व्यक्त कर दें। प्रसाद लोगों में वितरित कर दें।
8. पूरे दिन फलाहार करते हुए भगवत भजन करें और रात्रि प्रहर में जागरण करें।
9. अगले दिन प्रात: स्नान आदि करके भगवान विष्णु की पूजा करें और पारण करके व्रत को पूरा करें।
10. पारण से पूर्व गरीब या किसी ब्राह्मण को दान भी दें।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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