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बेटे ने मां को दिलाया इंसाफ, 30 साल बाद गुनहगारों को मिली सजा; जानें क्या था मामला

शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में रेप पीड़िता को 30 साल बाद न्याय मिला है. इंसाफ की लड़ाई लड़ने में बेटे ने ही उनकी मदद की. डीएनए मैच होने के बाद दुष्कर्म के आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है. 1994 में 12 साल की उम्र में पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ था. घटना के 27 साल बाद बेटे की शिकायत पर आरोपियों ने दुष्कर्म से साफ इनकार कर दिया था. इसके बाद डीएनए मैच होने पर अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को सजा सुनाई है.

फिलहाल पुलिस का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी. डीएनए मैच होने के बाद आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है. दरअसल साल 1994 में 12 साल की पीड़िता शाहजहांपुर में अपनी बहन और बहनोई के घर रहती थी. दोनों सरकारी कर्मचारी थे. घर में अकेला पाकर महमद जलाल नगर के रहने वाले नकी हसन और गुड्डू ने पीड़िता के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म किया था. इसके बाद दोनों लगातार पीड़िता के साथ दुष्कर्म करते रहे.


पीड़िता 13 साल की उम्र में गर्भवती हो गई. शिकयत के बाद आरोपियों की धमकी और लोकलज्जा के चलते पीड़िता के बहन बहनोई उसे लेकर रामपुर चले गए. यहां उसने एक बेटे को जन्म दिया. बाद में बेटे को रिश्तेदार को पालने के लिए दे दिया गया. फिर उसकी दूसरी जगह शादी  हो गई. 17 साल की उम्र में बेटे ने जब अपनी मां से एक फॉर्म पर पिता का नाम भरने के लिए पूछा तो उसने अपने साथ हुई घटना उसे बताई.

इसके बाद मार्च 2021 में थाना सदर बाजार में दोनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया, लेकिन आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना से इनकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने पीड़िता के बेटे और आरोपियों के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजे. जांच में डीएनए मैच हो गया. फिर दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. फिलहाल डीएनए मैच होने और पीड़िता के बयान के आधार पर अपारशत्र न्यायाधीश लवी यादव ने दुष्कर्म के आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई और 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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