नई दिल्ली। अमेरिका और ब्रिटेन की तरह भारत में भी जल्द ही गर्भवती महिलाओं (pregnant women) को कोरोना वैक्सीन लगाने का रास्ता साफ हो सकता है। केंद्र सरकार ने अभी तक स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ही कोरोना टीकाकरण में शामिल करने की अनुमति दी है लेकिन जल्द ही सरकार गर्भवती महिलाओं को लेकर अलग से दिशा-निर्देश जारी करने जा रही है। जानकारी मिली है कि एक से दो सप्ताह के बीच सरकार राज्यों को यह निर्देश जारी कर सकती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को विशेष समिति की ओर से गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश मिल चुकी है जिसके आधार पर मंत्रालय में मौजूद टीकाकरण (vaccination) शाखा दिशा-निर्देश तैयार करने में जुटी है।
टीकाकरण से जुड़े अधिकारियों ने इस पर सहमति जताते हुए कहा है कि सिफारिशों के आधार पर दिशा-निर्देश तैयार की जा रही हैं। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को कोविशील्ड, कोवाक्सिन और स्पतूनिक (sputnik) वैक्सीन मिल सकेगी।
अमेरिका समेत कई देशों में मंजूरी
अमेरिका, ब्रिटेन, इस्राइल और बेल्जियम जैसे देशों में गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण प्राथमिकता सूची में रखा गया है। इनके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी अंतरिम रिपोर्ट के जरिए गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सलाह दे चुका है। इनका मानना है कि जिन गर्भवती महिलाओं में सह रुग्णता है और वह कोरोना संक्रमण के उच्च जोखिम में है तो उन्हें वैक्सीन दी जा सकती है।
डब्ल्यूएचओ और अध्ययनों के आधार पर बन रहे दिशा निर्देश
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई देशों ने गर्भवती माताओं के लिए टीकाकरण को प्राथमिकता दी है। इसे ध्यान में रखते हुए और हमारे टीकों के सुरक्षा प्रोफाइल के कठोर अध्ययन के बाद विशेषज्ञ समिति ने गर्भवती महिला को कोविड -19 (COVID-19) टीकाकरण के लिए योग्य बनाने की सिफारिश की है।
उन्होंने बताया कि दिशा निर्देशों को डब्ल्यूएचओ सहित अन्य अध्ययनों के अनुसार तैयार किया जा रहा है। अभी तक गर्भवती महिलाओं को लेकर सीमित अध्ययन सामने आए हैं लेकिन जिन देशों में पहले से टीकाकरण हो रहा है वहां के अनुभवों को भी आधार माना गया है।
28 मई को भी दी गई सिफारिश
28 मई को राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक में भी गर्भवती महिलाओं को लेकर चर्चा हुई थी। उस दौरान विशेषज्ञों ने इन महिलाओं के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की सिफारिश की थी। वहीं मंत्रालय से जानकारी मिली है कि आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव की निगरानी में गठित एक अन्य समिति ने भी ऐसी सिफारिश की हैं जिनके आधार पर अब आगे की तैयारी की जा रही है।
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