विजयपुरा/कलबुर्गी। उत्तरी कर्नाटक (Northern Karnataka) के कलबुर्गी और विजयपुरा जिलों में सात दिनों में (In 7 days) भूकंप के झटकों (Earthquake jerks) ने लोगों को झकझोर कर रख दिया (Shook people) है।
क्षेत्र में एक महीने से हल्के झटके महसूस हो रहे हैं और निवासी दहशत में जी रहे हैं। ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि सरकार खुले मैदान में शेड का निर्माण करे क्योंकि हर बार तेज आवाज या हल्के झटके आने पर लोग घरों से बाहर भागते हैं और पूरी रात खुले मैदान में गुजारते हैं।
चिंचोली तालुक के 50 गांवों में सोमवार रात को 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। इससे दो घर गिर गए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि खनन एवं भूविज्ञान विभाग का कोई अधिकारी या सत्तारूढ़ भाजपा का कोई प्रतिनिधि उनकी समस्याओं को सुनने के लिए नहीं आया है।
4 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच विजयपुरा, सिंधगी, बसवाना बागवाड़ी, कोल्हारा और टिकोटा तालुक के लोगों ने 8 बार भूकंप का अनुभव किया है। भूकंप के झटके रिक्टर पैमाने पर पांच बार दर्ज किए गए हैं।
चिंचोली तालुक के गडिकेश्वर गांव में लोग पिछले 6 सालों से तेज आवाजें सुन रहे हैं और झटके महसूस कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को भी रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता के भूकंप का अनुभव किया। पिछले साल कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र के वैज्ञानिकों की एक टीम ने गांव का दौरा किया था।
विशेषज्ञों की टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि तेज आवाजें प्राकृतिक हैं, इसका कारण पृथ्वी जल की परतें हैं, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है।
सरकार ने 2001-02 और 2016 में चिंचोली तालुक के कई गांवों में शेड का निर्माण किया और कंबल भी प्रदान किए है।
विजयपुरा के जिला आयुक्त पी. सुनील कुमार ने कहा है कि उन्होंने विशेषज्ञों से भूकंप पर गहन अध्ययन का अनुरोध किया है। एक बार अध्ययन हो जाने के बाद, वे सटीक कारण जान पाएंगे। विजयपुरा जिले में अलमट्टी बांध भी है, जो एशिया का सबसे बड़ा बांध है। इसकी जल भंडारण क्षमता 123 टीएमसी है।