इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) के चुनाव आयोग (Election Commission) ने जब से देश में चुनाव की तारीख घोषित की है, उसके बाद से आतंकवादी संगठन (Terrorist organizations) लगातार सक्रिय हो गए हैं. इन आतंकवादी संगठनों (Terrorist organizations) ने बयान जारी कर भी चेतावनी दी थी. इन चुनावों के लिए कोई भी राजनीतिक पार्टी रैलियां जलसे आदि न करें. अन्यथा वे उनके निशाने पर होंगे. एक आतंकवादी संगठन ने तो पाकिस्तानी नागरिकों को सलाह दी थी कि वह ऐसे किसी भी राजनीतिक जलसे में न जाएं, वरना उनके शिकार बन जाएंगे। वर्तमान पाकिस्तान सरकार (Current Government of Pakistan) की भी कुछ राय ऐसी है कि वह भी पाकिस्तान में फिलहाल चुनाव नहीं चाहते क्योंकि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और आर्थिक हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि वर्तमान पाकिस्तान सरकार खुद को चुनाव कराने की पोजीशन में नहीं समझती।
पाकिस्तान की आम पब्लिक को सरकार और प्रशासन लगातार यही समझाने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान में फिलहाल ऐसे हालात नहीं है कि वहां चुनाव कराए जा सकें. यही कारण है कि पिछले तीन-चार दिनों के दौरान पाकिस्तान में कथित अपहरण करने की बातें फैलाई गई, जिससे ऐसा लगे की पाकिस्तान की सुरक्षा हालात फिलहाल बेहद खराब है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के आंतरिक आकलन के मुताबिक पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की लोकप्रियता अभी कम नहीं हुई है. ऐसे में यदि वहां चुनाव कराए गए तो उसके परिणाम इमरान खान के फेवर में जा सकते हैं।
फौज ने रची धमाकों की साजिश!
खुफिया सूत्रों का दावा है कि चुनाव की तारीख टालने के लिए आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर हालात बिगड़े दिखाने के लिए फौजी द्वारा साजिश रची गई, जिसके तहत आतंकवादी संगठनों ने एक साथ चार जगह पर हमला कर दिया. इस हमले के दौरान अनेक निर्दोष पाकिस्तानी मारे गए. पाकिस्तानी प्रशासन और फौजी की पूरी कोशिश यही है कि पाकिस्तानी आवाम इन मामलों में इस कदर उलझी रहे कि उसका ध्यान पाकिस्तान के आंतरिक हालातों और चुनाव पर न जाए. इसके साथ ही पाकिस्तानी चुनाव आयोग को भी ऐसा लगे कि अभी हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि वहां पर चुनाव नहीं हो सकते. ऐसे में चुनाव की तारीख बढ़ाने का भी फैसला लिया जा सकता है. जल्द ही इन हमलों की जिम्मेदारी दो आतंकवादी संगठन ले सकते हैं।